शासन की योजनाओं में पलीता लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा :- डीएम
Jhansi. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने निर्देश देते हुए कहा कि शासकीय कार्यों में धन के दुरुपयोग को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। विकासखंड बंगरा की ग्राम पंचायत भिटौरा गोआश्रय स्थल का निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ियों की जांच कराए जाने गो आश्रय स्थल में धन के दुरुपयोग पर ग्राम प्रधान, सचिव ग्राम पंचायत के विरुद्ध वसूली आदेश देते हुए निर्देश दिए कि उक्त धनराशि ₹ 374400/- जमा करना सुनिश्चित करें। उक्त धनराशि संबंधित बैंक खाता में जमा करा दी गई है।
 जिलाधिकारी द्वारा 18 मार्च को ग्राम भिटौरा की उक्त गौशाला में निरीक्षण के दौरान पशु चिकित्साधिकारी बंगरा द्वारा माह सितम्बर 2022 में लगभग 300 गौवंश का होना बताया गया था। परन्तु ग्राम पंचायत भिटौरा की गौशाला के रजिस्टर के अनुसार 01 से 04 सितम्बर 2022 तक दर्ज 350 गौवंश रहे तथा 05 सितम्बर से 18 मार्च 2023 तक 280 गौवंश दर्ज मिले। जबकि मौके पर लगभग 250 ही गौवंश पाये गये। जिससे स्पष्ट है कि गौशाला में गौवंशों की संख्या में भिन्नता है। प्रथमदृष्टया गौशाला प्रबंधन में अनियमितताओं के होने की पृष्टि प्रदर्शित होती है। साथ ही गौवंश द्वारा तार फेसिंग तोड़कर बाहर जाने के तथ्य में भी संदिग्धता है। जिलाधिकारी ने गौशाला की जांच करने के निर्देश दिए।
ग्राम भिटौरा गौशाला का निरीक्षण नायब तहसीलदार मऊरानीपुर द्वारा उपलब्ध रजिस्टर की बिंदुवार जांच करते हुए किया गया,उक्त जाँच आख्या के अनुसार दुरूपयोग हुई रू० 374400-00 की धनराशि के निम्नानुसार ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी है।
  ग्राम भिटौरा गौशाला की जांच के दौरान नायब तहसीलदार मऊरानीपुर को लगभग 250 गौवंश मिले। शेष 100 गौवंशों के सम्बन्ध मे मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामवासियों से पूछताछ की गई परन्तु ग्रामीणों के द्वारा इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का स्पष्ट मन्तव्य नहीं बताया गया मौजूद गौवंश में कुछ टैग वाले गौवंश मिले एवं शेष गौवंश बिना टैग के मिले। गौवंश रजिस्टर मांगा गया परन्तु मौके पर नहीं मिला।
नायब तहसीलदार द्वारा गौशाला की तार फेंसिंग तोड़कर गौवंश कब-कब गए और कहां गए इसके सम्बन्ध में स्थानीय ग्रामवासियों के द्वारा मौखिक रूप से कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया जा सका। भूसे के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि मौके पर भूसा खुले में पड़ा हुआ पाया गया मौजूद वर्तमान प्रधान के द्वारा बताया गया कि आवश्यकतानुसार समय-समय पर भूसा गौवंशो के लिये मंगाया जाता है, परंतु अभिलेखों को प्रदर्शित नहीं किया गया।
 जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनपद की समस्त गो आश्रय स्थलों का गंभीरतापूर्वक निरीक्षण किया जाए ताकि अनियमितता को रोका जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की भविष्य में यदि गो आश्रय स्थल में उपलब्ध धनराशि का दुरुपयोग किया जाता है तो संबंधित के विरुद्ध सख्ततम कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।