अभिभावकों द्वारा जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग 

झांसी। झांसी में उन्नाव वालाजी मार्ग पर गणेश चौराहा के निकट “दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना” में अध्ययनरत लगभग दो दर्जन छात्राएं डीडीयू-जीकेवाई सेंटर हास्टल में दूषित भोजन करने से बीमार हो गई। जिनमें से तीन छात्राओं को शुक्रवार को फ़ूड पोइजिनिंग की वजह से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन सभी को इलाज उपरांत छुट्टी दे दी गई। घटना की जानकारी मिलने पर परिजन सेंटर पर पहुंच गए, काफी देर हंगामा होने के बाद सेंटर की कार्यदाई संस्था S. W. प्राइवेट लिमिटेड से नाराज छात्राओं ने सामुहिक रूप से घर जाने के लिए ज़िद करने लगी। स्टूडेंट्स कई दिनों से दूषित खाने से परेशान थी, जब पेट दर्द और उल्टियां होने लगी तो मामला बढ़ गया। खबर लिखे जाने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा संचालित कौशल विकास योजना के तहत झांसी जिले के छात्राओं को कंप्यूटर संबंधी शिक्षा प्रदान की जाती है। संस्थान के हास्टल में विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है। जिसमें लगभग 70 से अधिक बच्चे सेंटर के हॉस्टल में रहते हैं। वहीं पर बच्चों के खाने पीने की निशुल्क व्यवस्था की गई है। बताया गया है कि हॉस्टल प्रबंधन की ओर से बच्चों को परोसे गए खाने से हॉस्टल के तकरीबन 25 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। जिसमें कविता, रूपाली और भावना की अधिक हालत खराब होने पर जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। इलाज के दौरान स्थिति ठीक होने पर बच्चों की छुट्टी कर दी गई।

बाहर खाना पहुंचने की सफाई पर खड़े हुए सवाल, सुरक्षा व्यवस्था संदेह के घेरे में 

इस मामले में सेंटर के प्रोजेक्ट हेड राहुल चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि हॉस्टल के कुछ बच्चों ने बाहर से खाना मंगाकर खाया था। जिससे उनकी हालत बिगड़ गई थी। इससे सवाल उठता है कि हास्टल में गार्ड/सुरक्षा व्यवस्था के रहते कैसे बाहर से खाना पहुंच गया। खाना पहुंचाने वाला कौन था और किसने मंगाया था इसका कोई जवाब नहीं है। अभिभावकों ने इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।