भारतीय सनातन संस्कृति के खिलाफ है समलैंगिक विवाह
झांसी। बुंदेलखंड इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के वृंदावन हॉस्टल के छात्रों के मध्य भारतीय संस्कृति पर समलैंगिक विवाह के दुष्प्रभाव विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। प्रोफेसर यशपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि समलैंगिक विवाह सनातन संस्कृति के खिलाफ हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। यह हमारी परिवार रूपी संस्था को ध्वस्त करने का प्रयास है। इससे आने वाली युवा पीढ़ी के लिए विकट संकट उत्पन्न हो जाएगा।
डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि भारत वर्तमान में जिस प्रकार से तेजी से वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है इससे भारत विरोधी शक्तियां नित नए उपाय खोज रही हैं। आज स्थिति यह आ गई है कि हमारी ही संवैधानिक संस्थाएं राष्ट्रहित के विषय में विचार करने में सशंकित स्थिति में है। डॉक्टर मुद्रेश त्रिपाठी ने कहा कि पश्चिमी संस्कृति अति भौतिकवाद की समर्थक रही है। यह स्व आधारित संस्कृति है। जिसमें व्यक्ति केवल अपने निजी हितों को ही प्राथमिकता देता है। भारतीय सनातन संस्कृति निजी हित की अपेक्षा परिवार समाज और राष्ट्र को आगे रखती है। हमारे यहां उपभोग की जगह त्याग को प्राथमिकता दी गई है।
इसके पूर्व बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के डॉ कौशल त्रिपाठी ने कहा की युवाओं को अकादमिक शिक्षा के साथ ही सामाजिक रूप से भी सचेत रहना चाहिए। उनका सहयोग सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने में बहुत उपयोगी है। आभार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डॉ ललित गुप्ता ने व्यक्त किया। इस अवसर पर बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के वृंदावन हॉस्पिटल के अनेक छात्र उपस्थित रहे।