– झांसी में मंडलीय परिषद सभा के पहले दिन एनपीएस सहित स्थानीय मुद्दे छाए रहे 

झांसी। 15 एवं 16 मई को झांसी में रेलवे वर्कशॉप आडिटोरियम में आयोजित नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्प्लाॅईज संघ झांसी की बीसवीं मंडलीय परिषद सभा के प्रथम दिन कर्मचारी नेताओं में केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों पर आक्रोश दिखाई दिया वहीं एनपीएस सहित स्थानीय मुद्दे छाए रहे।

सभा का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ सरस्वती माँ को पुष्प अर्पित करते हुए मंडल अध्यक्ष रामकुमार सिंह ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में संघ द्वारा कराए गए विभिन्न कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संघ ने मेन लाईन के इंजीनियरिंग गेटमैनों की ड्यूटी जो कि बारह घंटे होती थी, को आठ घंटे करा दिया है और ब्रांच लाईन में भी आठ घंटे की ड्यूटी कराने के लिए प्रयासरत हैं, सिथौली कारखाना व डीजल शेड में महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था करा दी गई है, अन्य जगहों के लिए भी संघर्षरत हैं। मंडल रेल चिकित्सालय झांसी में सभी वार्डों में चालीस एयर कंडीशनर लगवाने का कार्य कराया है, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में शनिवार को ड्यूटी के गलत आदेश निरस्त कराए गए, मंडल के लगभग पांच सौ कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल कराया गया, इंजीनियर विभाग के साथ साथ विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के स्थानांतरण में एचआरएमएस के कारण आ रही समस्याओं का निदान करने के लिए नये आदेश जारी कराए गए हैं | उन्होंने सभी शाखाओं के पदाधिकारियों से सक्रिय होकर कार्य करने का संदेश दिया।
मंडल सचिव भानुप्रताप सिंह चंदेल ने कहा कि रनिंग कर्मचारियों के काम के घंटे आज भी पाषाण काल की नियमावली के अनुसार हैं जो पूर्णतः अमानवीय एवं अव्यवहारिक हैं, इन्हें तत्काल बदलकर ड्यूटी की अधिकतम सीमा छह घंटे करने की आवश्यकता है क्योंकि लगातार छह घंटे बिना किसी निर्धारित ड्यूटी ब्रेक के गाड़ी संचालन करना किसी भी दृष्टिकोण से संभव नहीं है, इससे लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर के साथ साथ यात्रियों की जान के लिए भी खतरा है | इतनी अमानवीय ड्यूटी के बाद लोको रनिंग संवर्ग में आरोप पत्रों का तनाव भी मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत दुष्प्रभाव छोडता है जिसकी परिणिति कर्मचारियों का बड़ी संख्या में चिकित्सकीय आधार पर विकोटीकृत होना है | 01 जनवरी 2004 के बाद रेल सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने के लिए एनएफआईआर एवं एनसीआरईएस द्वारा पुरजोर तरीके से की जा रही है और इस लड़ाई को तब तक जारी रखा जाएगा जब तक इसका लाभ सभी कर्मचारियों को न मिल जाए | इसी क्रम में 21 से लेकर 26 मई 2023 तक क्रमिक रूप से जुलूस एवं द्वार सभा तथा प्रदर्शन किए जाएंगे | उन्होंने कहा कर्मचारियों को मीडिया में फैलाई जा रही विभिन्न प्रकार की भ्रामक बातों में न आकर राजनीतिक विचारधारा को त्यागकर ईमानदारी से पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष करने के लिए नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्प्लाॅईज संघ के साथ आवाज बुलंद करना होगी तभी सफलता मिलेगी |
सभा में मुख्य वक्ताओं में इंद्र विजय सिंह, मोहम्मद उमर खान, बी के सिंह, अनिल कुमार शर्मा, विक्रम सिंह, मनोज बघेल, सुनील राय, एस के सिंह, अश्विनी गोस्वामी, कामता प्रसाद साहू, दीपक राजपूत, तेज प्रताप सिंह, कालूराम कुशवाहा, सुभाष चंद्र बोस, लोकेश श्रीवास्तव, केके त्रिपाठी, प्रेमचंद्र मीणा, ज्ञानेंद्र सिंह, एस के सक्सेना, अरुण गुप्ता, जैन्सी मैथ्यू, आरती तमोरी, दीपिका तिवारी, क्रांति देवी, प्रियंका श्रीवास्तव, अनुषा, अर्चना शर्मा, रश्मि पांडेय, अनु श्रीवास्तव,भावना यादव, रक्षा शर्मा, गुंजन साहू, आरसी वर्मा, कुलदीप राजपूत, घनश्याम दास, एनके जैन, रविन्द्र मोहन श्रीवास्तव इत्यादि ने श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की और एकजुट होकर संघर्ष के लिए प्रेरित किया | सभा का संचालन संजीव नायक ने एवं आभार विवेक चढ्ढा ने व्यक्त किया |