एनसीआरएमयू ने मुख्य चल शक्ति इंजिनियर उमरे को ज्ञापन सौंपा, की जांच की मांग 

झांसी। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने झांसी आगमन पर मुख्य चल शक्ति इंजिनियर उत्तर मध्य रेल्वे, प्रयागराज को ज्ञापन देते हुए डीजल लोको शेड में एस. एस. ई. (लोको) के पद पर इलैक्ट्रिक विंग के वरिष्ठ पर्यवेक्षक को नामित करने की अपेक्षा की।

ज्ञापन में बताया गया कि डीजल लोको शेड झांसी में उक्त एस.एस.ई. (लोको) के पद पर मेकैनिकल या इलैक्ट्रिक विंग के वरिष्ठ पर्यवेक्षक को नामित किये जाने की परम्परा रही है। अधिकांशतः मेकैनिकल विंग के वरिष्ठ पर्यवेक्षक को ही उक्त पद के लिए नामित किये जाते रहे है । पूर्व मे डीजल लोको शेड में डीजल लोको की होल्डिंग 175 हुआ करती थी तब मेकैनिकल विंग के पर्यवेक्षक को उक्त पद के पर नामित किये जाते थे परंतु वर्तमान में डीजल लोको की कुल होल्डिंग 62 नग रह गया है तथा भविष्य में और भी डीजल लोको की होल्डिंग कम होने के आसार है क्योंकि डीजल लोको की कोडल लाईफ जैसे जैसे पूर्ण होते जा रहे है वैसे वैसे दिन प्रतिदिन लोको Condemn होते जा रहे है तथा अन्य शेडो को डीजल लोको को स्थानांतरण भी किये जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है |

वर्तमान में डीजल लोको शेड झांसी में डीजल लोको के साथ साथ इलैक्ट्रिक लोको तथा टावर वैगन का माइनर व मेजर अनुरक्षण का कार्य किये जा रहे है। भविष्य में इलैक्ट्रिक लोको की संख्या 100 नग तथा पूरे NCR Zone के टावर वैगन की संख्या लगभग 55 अर्थात 155 से अधिक इलैक्ट्रिक साइड से सम्बंधित कार्य का निष्पादन डीजल लोको शेड के स्टाफ द्वारा किया जा रहा है। भविष्य की कार्य योजना को देखते डीजल हुए लोको शेड के मेकैनिकल विंग के तकनीशियन तथा पर्यवेक्षक को इलैक्ट्रिक लोकों के अनुरक्षण हेतु उचित प्रशिक्षण प्रदान करके उन सभी मेकैनिकल विंग के तकनीशियन तथा पर्यवेक्षक को इलैक्ट्रिक विंग के अनुभाग में डीजल प्रशासन के द्वारा अनुभाग स्थानांतरण किये जा रहे है जिससे इलैक्ट्रिक लोको के अनुरक्षण में उपलब्ध मैंनपावर का सही उपयोग किया जा सके। चूकि भविष्य में ट्रैफिक के लिए इलैक्ट्रिक लोको की Availability सुनिशिचित करना डीजल लोको शेड की जिम्मेदारी रहेगी । अब डीजल लोको शेड में इलैक्ट्रिक साईड से कार्य में अनुरक्षण का पैमाना दिनों दिन बढ़ता जा रहा है एवं इस प्रकार इलैक्ट्रिक लोको तथा टावर वैगन की कुल होल्डिंग को देखते हुए शेड में मेकैनिकल विंग से अनुरक्षण का कार्य सिकुड़ता (Shrink) जा रहा है | NCR ZONE में 100% इलैक्ट्रिफिकेशन हो जाने के कारण डीजल की बचत हो रही है जिससे हम सभी का भविष्य उज्जवल तथा सुरक्षित रहेगा।

डीजल लोको शेड झांसी में इलैक्ट्रिक लोको की अनुरक्षण प्रणाली इलैक्ट्रिक लोको शेड झांसी की कार्य-प्रणाली को पुर्ण रूप से follow किया जा रहा है। वर्तमान समय में डीजल लोको शेड झांसी में मेकैनिकल का कार्य 30% तथा इलेक्ट्रिकल का कार्य 70% हो गया है । चूकि डीजल लोको शेड झांसी में एस.एस.ई (लोको) के पद के लिए दो वरिष्ठ एस.एस.ई अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे है जिसमें एक मेकैनिकल एस.एस.ई/ इंजन विंग तथा दूसरा इलेक्ट्रिकल एस.एस.ई / टी0 एंड सी0 विंग से प्रतिनिधित्व किए जा रहे है। चूकि बरिष्ठ एस.एस.ई /टी0 एंड सी0 वर्तमान में मैकेनिकल तथा इलेक्ट्रिकल विंग के सभी एस.एस.ई से वरिष्ठ है तथा उक्त एस.एस.ई को डीजल प्रशासन के अनुमोदन सी.आर.एम.यू. / टी. आर. एस. / डीजल/डीजल से वर्ष 2021 में महाप्रबंधक एवार्ड से भी सम्मानित किये जा चुके है तथा वर्तमान व भविष्य को ध्यान में रखते हुए एस.एस.ई /लोको पद के प्रबल दावेदारी केवल एवं केवल महाप्रबंधक एवार्ड से सम्मानित इलेक्ट्रिकल विंग के एस.एस.ई/ टी0 एंड सी0 को प्रदान करना चाहिए परन्तु विगत कुछ समय से उक्त दोनों विंग के एस.एस.ई के वजह से डीजल लोको शेड झांसी का वातावरण दूषित हो गया है तथा शेड के स्टाफ एव पर्यवेक्षक के मध्य तनाव, राग-द्वेष, ईर्ष्या आदि को लेकर वातावरण का माहौल बना हुआ है तथा आपस में आरोप – प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं जिसका प्रत्यक्ष कुप्रभाव लोको के अनुरक्षण तथा शेड पर पड़ रहा है तथा शेड का भाई चारा तथा सौहार्द बिगड़ रहा है।

उक्त परिस्थितियों को देखते हुए दोनों विवादस्पद एस.एस.ई में से किसी को भी एस.एस.ई /लोको के पद पर नामित करना डीजल लोको शेड झांसी के पक्ष में सही नही रहेगा। एस.एस.ई /लोको के पद के लिए किसी तीसरे वरिष्ठ इलेक्ट्रिकल एस.एस.ई/ टी0 एंड सी0 को नामित करने की व्यवस्था की जाए जिससे शेड में Harmony बना रहे तथा शेड में Industrial Peace कायम रहे। यूनियन मांग करती है कि अगर उक्त पद पर फिर भी विवाद बना रहता है तो उक्त एस.एस.ई./लोको का पद को समाप्त कर इलेक्ट्रिक लोको शेड झांसी के पैटर्न को डीजल लोको शेड झांसी में लागू किये जाने की प्रबंध किये जाए |

शाखा को डीजल ट्रेनिंग सेंटर में कार्यरत सभी अनुदेशकों एवं स्टाफ पर गलत एवं झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है । यूनियन मांग करती है कि प्रकरण को निष्पक्ष जांच करवाई जाए।