बाल कल्याण समिति की सकारात्मक पहल, ठुकराई पुत्री को माता पिता ने अपनाया

झांसी। प्रयागराज की अवयस्क बालिका व झांसी के युवक को प्यार करने का ऐसा परिणाम मिला कि वह दोनों जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। लड़की को माता-पिता उसके प्रेमी के घर छोड़ कर चले गए और युवक के माता-पिता ने इस मुसीबत से छुटकारा के लिए पुलिस की मदद ली पर बाल कल्याण समिति की सकारात्मक पहल से लड़की को उसके माता-पिता ने स्वीकार कर लिया।

प्यार में दीवानी होकर लड़कियों के घर से भागने की अनेक घटनायें खबरों में रहती हैं पर आज एक अनोखा प्रकरण बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुआ। दरअसल, प्रयागराज शहर के सम्भ्रान्त परिवार की अवयस्क बालिका का झांसी के एक युवक से परिचय हुआ और वो प्यार में बदल गया । वह युवक बालिका के पड़ोस में आता जाता रहता था इसी वजह से उनकी जान पहचान हुई । 17 मई 2023 को बालिका अर्चना ( बदला हुआ नाम ) के पिता को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई वे आग बबूला हो गये और उन्होंने क्रोधावेश में आकर एक निर्णय ले लिया ।

उनको पता चला कि उनकी लड़की कि प्रेमी झांसी का रहने बाला है और उसके पिता झांसी में नौकरी करते हैं। आवेश में उन्होंने रात में ही बालिका को मोटर साइकिल पर बिठाया और रातों रात मोटर साइकिल चला कर 18 मई को झांसी पहुँच गये। ताज्जुब की बात ये थी कि वह बालिका की मां को भी उसी मोटर साइकिल पर बिठाकर लाये थे। लड़के के पिता के घर पहुँचकर उन्होंने सारी बातें लड़के के पिता को बतायीं और लडकी को उनके घर रखने के लिये कहा। नाबालिग बच्ची को अपने घर रखना लड़के के पिता ने उचित नहीं समझा और अर्चना के पिता को काफी समझाया। जब वे नहीं माने तो लड़के के पिता ने घर के अंदर जाकर 112 डायल कर पुलिस को सूचना देनी चाही। काफी प्रयास के बाद जब नंबर नहीं लगा तो उन्होंने घर के बाहर आकर देखा वहां लड़की के माता पिता मौजूद नहीं थे और लड़की उनके घर के बाहर ही बैठी हुई थी ।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए लड़के के पिता ने थाना प्रेमनगर व महिला थाने को सूचना दी और रात में 8 बजे अर्चना को महिला थाने ले गये। पुलिस के काफी प्रयास के वावजूद भी अर्चना के पिता ने फोन नहीं उठाया तो अर्चना को वन स्टाप सेन्टर भेज दिया गया। सुबह जब अर्चना को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी अर्चना के माता पिता से सम्पर्क करना चाहा। काफी प्रयास के बाद जब अर्चना की मां ने फोन उठाया तो शर्मा ने उनके इस व्यवहार के लिये उन्हें फटकारा और कहा कि ऐसी होनहार बेटी को मामूली गलती के लिये इतना बड़ा दण्ड देना उचित नहीं था। मां ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपनी बेटी को अपने पास भेजने के लिये अनुरोध किया।

समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि अर्चना हाई स्कूल में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई है वह बास्केट बॉल की भी अच्छी खिलाड़ी है। कार्यवाही के दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्य कोमल सिंह, परवीन खान व हरी कृष्ण सक्सैना के अतिरिक्त महिला थाने की एस. जे.पी.ओ. मंजू यादव वन स्टाप सेन्टर प्रभारी प्रीति आदि उपस्थित रहे।