– इंडियन व्हीलचेयर क्रिकेट प्रीमियर लीग में प्रतिभागियों ने डॉ सरावगी के सेवा कार्यों को सराहा 

झांसी। कभी किसी पर बनता मैं बोझ नहीं, हूँ तन से दिव्यांग पर मन से नहीं। पद्मा साहू द्वारा रचित कविता की इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ करते हुये जनपद के 3 दिव्यांग खिलाड़ी व्हीलचेयर क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर पर लगातार उपलब्धियां हासिल करते हुए झाँसी का नाम राष्ट्रीय पटल पर सुशोभित कर रहे हैं। लेकिन क्रिकेट के अन्य मैचों की तरह व्हीलचेयर क्रिकेट की देश में इतनी लोकप्रियता नहीं है जिसके चलते इनके हुनर को दरकिनार कर दिया जाता है सादा जीवन जीते हुए यह दिव्यांगजन कई समस्याओं से जूझ रहे हैं जिनके पास खुद के खेल उपकरण और व्हीलचेयर तक उपलब्ध नहीं है। कई जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के दरवाजे खटखटाने के बाद व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के मैनेजर अरविंद जोशी, ईश्वरी प्रसाद और रामविशाल बड़ी उम्मीदों के साथ संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंचे जहाँ उन्होंने समाजसेवी डॉ० संदीप के समक्ष अपनी व्यथा रखी।

टीम मैनेजर अरविंद की पत्नी भी दिव्यांग हैं और प्रादेशिक स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी है जोशी दंपत्ति की एक बिटिया है जिसका विद्यालय में प्रवेश कराना था लेकिन बिटिया की शिक्षा के लिए धन अभाव आड़े आ रहा था डॉ० संदीप द्वारा सहायता कर इस समस्या का तत्काल निस्तारण कराया गया साथ ही आगामी क्रिकेट लीग के लिए आवागमन और जलपान की व्यवस्था भी की गयी।

अरविंद जोशी ने बताया 10 जून से दिल्ली के सेक्टर 12 में 10 दिवसीय इंडियन व्हीलचेयर क्रिकेट प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है इस प्रतियोगिता में देश भर की 8 टीमें सम्मिलित होंगी। झाँसी के ये खिलाड़ी प्रतियोगिता में एम०पी० अवेंजर्स के लिए अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। तीनों खिलाड़ियों का संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में स्वागत किया गया। भावुक होकर टीम मैनेजर अरविंद जोशी ने कहा कि हमने देश विदेश कई जगह क्रिकेट टूर्नामेंट खेले हैं जिसमें कई बार सम्मानित भी किया गया है लेकिन आज संघर्ष सेवा समिति में जो सम्मान मिला वह सम्मान हमें पूर्व में कभी प्राप्त नहीं हुआ हम डॉ० संदीप सरावगी और संघर्ष सेवा समिति के सभी सदस्यों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।

इस दौरान डॉ० संदीप सरावगी ने कहा कोई भी व्यक्ति तन से तो दिव्यांग हो सकता है पर मन से वह अंय की तरह सशक्त होता है। यदि हम अपनी काबिलियत का सही प्रदर्शन करते हैं तो हम किसी भी क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर सकते हैं। एक आम आदमी शरीर से सशक्त होने के पश्चात भी वह नहीं कर पाता जो आज हमारे दिव्यांग भाईयों ने करके दिखाया है इन्होंने पूरे देश भर में झाँसी जनपद का नाम रौशन कर एक मिसाल कायम की है। आगामी समय में हम दिव्यांग टीम के इन खिलाड़ियों के लिए व्हीलचेयर भी उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त इनके खेल प्रदर्शन में जो भी समस्या आड़े आएगी उसके समाधान के लिए मैं और पूरी संघर्ष सेवा समिति सदैव तत्पर रहेगी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा एक बार फिर यह टीम विजयी होकर वापस आए और पूरे देश में झाँसी का परचम लहराये।

इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति से जिलाध्यक्ष अजय राय, सुशांत गेड़ा, बसंत गुप्ता, राजू सेन, युवा महानगर अध्यक्ष उ.प्र उद्योग व्यापार मंडल मनोज रेजा, संदीप नामदेव, चो. करन सिंह, भागचंद्र वर्मा(मोनू), शैलेंद्र राय, उत्तम सिंह(सरपंच), जसरथ, अमित साहू, विकास रावत, सुशांत शर्मा, सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।