पार्षदों ने समस्याओं को लेकर किया शोर-शराबा, महिला पार्षद भी बढ़ कर बोलीं 

झांसी। झांसी नगर निगम सदन की पहली बैठक में भले ही महापौर बिहारी लाल आर्य द्वारा चुनाव में किये गए गृह कर हाफ करने के वायदे पर मोहर लगा दी गई, किंतु इसमें शासन की स्वीकृति का पेंच फंसा हुआ है। गृहकर हॉफ करने के मामले में अंतिम निर्णय शासन का होगा। इससे जनता ठगा महसूस कर रही है। इस दौरान कुछ पार्षदों के विरोध के चलते नगर निगम दुकानों के नामांतरण के लिए लाया गया प्रस्ताव पास नहीं हो सका, उसे अगली बैठक के लिए टाल दिया गया।

नगर निगम सदन की पहली बैठक महापौर बिहारीलाल आर्य की अध्यक्षता व एमएलसी डॉ बाबूलाल तिवारी व रमा निरंजन के विशिष्ट आतिथ्य में हुई। जिसमें मुख्य प्रस्तावों से पहले विभिन्न क्षेत्रों के पार्षदों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाते हुए शोरशराबा किया। इस दौरान अतिक्रमण, सफाई, गंदे पानी की आपूर्ति, विद्युत, जलभराव व निर्माण कार्यों से जुड़ीं समस्याएं प्रमुखता से उठीं। महापौर ने सभी को आश्वस्त किया कि जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

सदन में पार्षद दिनेश प्रताप सिंह ने यह प्रस्ताव रखा कि जो वार्षिक गृह कर 10% लिया जाता है उसे घटाकर 5% कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि झांसी बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है और यहां लोगों की आय बहुत अधिक नहीं है. ऐसे में 10% गृह कर लोगों के लिए काफी ज्यादा हो जाता है. उनके इस प्रस्ताव को सभी 60 पार्षदों ने समर्थन दिया। इसके बाद महापौर बिहारी लाल आर्य ने यह घोषणा कर दी कि इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है और अब इसे शासन को भेज दिया जायेगा।

महापौर बिहारी लाल आर्य ने कहा कि चुनाव से पूर्व हमने यह वादा किया था कि सदन की पहली बैठक में ही गृह कर आधा करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया जाएगा। आज हमने इस वादे को पूरा कर लिया है और अब यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि यह काम आसान नहीं है और शासन से मंजूरी मिलना मुश्किल है।

सदन में शहर के सुंदरीकरण व सड़कों के चौड़ीकरण के प्रस्तावों के बीच प्रेमनगर क्षेत्र के भाजपा पार्षद नरेंद्र नामदेव ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज, इलाइट, सीपरी बाजार आदि क्षेत्रों के विकास पर चर्चा हुई, लेकिन पुलिया नम्बर9, ख़ातीबाबा, गढिया गांव, इसाईटोला आदि के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। आखिर इस क्षेत्र की उपेक्षा क्यों कि जा रही है। नरेंद्र नामदेव की बात का प्रेमनगर क्षेत्र के पार्षदों ने खड़े होकर समर्थन किया। इस दौरान गढ़िया गांव की नगर निगम की जमीनों पर अवैध कब्जा व बिक्री का मुद्दा भी उठाया गया।

चित्रा चौराहा धार्मिक स्थल पर सवाल
चित्रा चौराहे के सुंदरीकरण की चर्चा के दौरान पार्षद दिनेश प्रताप सिंह ने चौराहे पर स्थित धार्मिक स्थल पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर उक्त स्थल बनाया गया है, वहां नगर निगम की चुंगी थी। उक्त जगह पर अतिक्रमण कर स्थल के नाम पर सरकारी जमीन घेरी गयी है। पहले अतिक्रमण साफ किया जाए, फिर सुंदरीकरण हो।

ननि की जमीन पर कब्जा करते ही बजेगा अलार्म

हालांकि नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जा रोकने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर नगर आयुक्त पुल्कित गर्ग ने बताया कि जमीन का जीआईएस सर्वे मेपिंग कराकर पूरी जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा है। साथ ही जैसे ही कोई सरकारी जमीन पर काम शुरू करेगा, अलार्म के जरिये तुरंत पता चल जाएगा। इसके लिए वित्तीय प्रस्ताव एक कम्पनी से मांगा गया है।

विविध मुद्दों पर कई पार्षदों ने उठायी आवाज। इसमें महिला पार्षदों ने सदन में अपनी बात कहने की कोशिश की, किंतु सर्वाधिक लिखित समस्याएं मेयर को सौंपीं। सदन में पार्षद कन्हैया कपूर, महेश गौतम, विकास खत्री, नंदकिशोर नीलू, राजकुमारी यादव, अरविंद झा, मुकेश सोनी, सुलेमान अहमद मंसूरी, संजीव गुप्ता , उमेश जोशी आदि ने भी क्षेत्र की समस्याओं को रखते हुए समाधान की मांग की।