झांसी। झांसी -कानपुर सेक्शन में पूंछ क्षेत्र में बीती रात को दौड़ती ट्रेन से गिर कर युवक की मौत हो गई। चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका गया तो लाश लगभग 6 किमी दूर लाइन किनारे पड़ी मिली। लाश को उठाने के लिए ट्रेन वापस नहीं लौटने पर यात्री भड़क उठे, किंतु उनकी एक नहीं चल पायी। फिलहाल पूंछ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

गोरखपुर के ग्राम बिसवा निवासी दयानंद यादव पूना में अपने भाई सतीराम के साथ कलर पेंट का काम करता था। दयानंद और सतीराम शनिवार को पूना एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार होकर घर वापस लौट रहे थे। सतीराम ने बताया कि रविवार की ट्रेन झाँसी पहुंची तो कोच में अचानक भीड़ बढ़ गई। इस दौरान भाई दयानंद गेट के पास बैठा था जबकि वह थोड़ा आगे बैठा था। ट्रेन चलने के बाद वह सो गया था। झांसी -कानपुर रेल मार्ग पर पूंछ के पास दयानंद गिर गया। इस पर यात्री चिल्लाने लगे कि एक युवक ट्रेन से गिर गया। आवाज सुनते ही वह जागा और अपने भाई को कोच में देखा मगर भाई कोच में नहीं था।

इसके बाद सतीराम ने चेन पुलिंग की। इससे ट्रेन रुक गई। उसने भाई को उठाने के लिए ट्रेन को पीछे ले जाने को कहा, किंतु स्टाफ ने बताया कि नहीं जाएगी। इसके बाद वह ट्रेन से उतर गया। उसने पैदल पटरी किनारे छह किलोमीटर तक चलकर भाई को खोजा था लेकिन कुछ भी पता नहीं चला था। बाद में वह बस से उरई चला गया, तभी घर से फोन आया कि दयानंद की लाश पूंछ थाना क्षेत्र में मिली है।

दरअसल, पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम पिरौना गांव के बीच रविवार को पटरी किनारे एक युवक की लाश पड़ी होने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मृतक के कपड़ों की तलाश ली तो उसकी जेब से आधार कार्ड मिला। इस आधार कार्ड के आधार पर पूंछ पुलिस ने गोरखपुर के झागहा थाने में फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजनों ने तुरंत सतीराम को फोन लगाया तो पता चला कि दयानंद ट्रेन से गिर गया था। इसके बाद सोमवार को परिजन गोरखपुर से झाँसी पहुंचे और शव की शिनाख्त की। परिजनों ने बताया कि दयानंद की शादी पांच साल पहले प्रियंका से हुई थी। दो भाइयों में दयानंद बड़ा था।