झांसी। जिले में बबीना थाना क्षेत्र अंतर्गत बघौरा गांव में चेकडैम में डूब जाने से किसान की मौत हो गई। पति की मौत के सदमा में उसकी पत्नी बेहोश हो गई और कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। परिजनों के मुताबिक पति-पत्नी के बीच काफी प्रेम था। उधर दंपती की मौत से परिवार में कोहराम मचा था। एक साथ दो मौतों से गांव में भी सन्नाटा पसरा हुआ है।
बबीना के बघौरा गांव निवासी किसान प्रीतम राजपूत (47) रविवार सुबह वह खेत पर गया था। उसका खेत बेतवा नदी के किनारे है और बगल में ही एक विशाल चेकडैम बना हुआ है। जिस समय प्रीतम खेत पर पहुंचा उस वक्त चेकडैम में पानी कम था लेकिन, दोपहर तक चेकडैम में पानी काफी अधिक बढ़ चुका था। काफी देर तक जब प्रीतम वापस नहीं लौटा तब पत्नी गीता (45) ने परिजनों को तलाशने के लिए भेजा। परिजन तलाशते हुए चेकडैम के पास पहुंचे। चेकडैम के बाहर ही प्रीतम की चप्पलें पड़ीं थीं।

किसी अनहोनी की आशंका से घबराकर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में बबीना पुलिस मौके पर पहुंच गई। चेकडैम में तलाशने पर उसकी लाश बरामद हो गई। शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रात भर तो परिवार वाले प्रीतम की मौत को उसकी पत्नी गीता से छुपाए रहे मगर सोमवार सुबह जब यह बात गीता को बताई तो पति के मौत से उसको गहरा सदमा लग गया।

पति की मौत कई बात सुनते ही वह बेहोश होकर गिर पड़ी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि पति  पत्नी में बहुत प्रेम था। शादी के करीब 30 साल बीत चुके थे लेकिन, पत्नी गीता अभी भी पति प्रीतम के घर लौटने केे बाद ही खाना खाती थीं। घर में वह खाने पर उनका इंतजार करतीं थीं। पत्नी की आदत को जानते हुए प्रीतम भी बाहर कहीं खाना नहीं खाता था। दोनों ही एक साथ खाना खाते थे। यह बात पूरे परिवार के लोगों को भी पता थी। प्रीतम के लापता होने के बाद से ही वह परेशान हो गईं थीं। वह खुद जाकर अपने पति को तलाशना चाहती थीं लेकिन, परिवार के लोगों ने किसी तरह उनको वहां जाने से रोक दिया था।

परिवार में तीन बेटे एवं दो बेटी हैं। इनमें दो बेटे एवं एक बेटी की शादी कर चुके थे। चौबीस घंटे के भीतर ही दो मौत हो जाने से परिवार के लोगों मेंं कोहराम मचा हुआ है।