आडिट टीम ने खान-पान इकाईयों को FSSAI की कसौटी पर कसा

झांसी । यदि सब कुछ मानक के अनुरूप ठीक ठाक मिला तो उमरे के वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन भी देश के ईट राइट स्टेशन की कतार में खड़ा हो सकता है। शुक्रवार को झांसी स्टेशन पर खान-पान इकाईयों पर जाकर टीम ने भोजन की गुणवत्‍ता और स्‍वच्‍छता से संबंधित एफएसएसएआई के मानकों के आधार पर स्‍टेशन पर मिलने वाली खाद्य सामग्रियों को परखा और रिपोर्ट तैयार की। मानकों पर खरा उतरने पर ही झांसी स्‍टेशन को ईट राइट स्‍टेशन का दर्जा दिया जाएगा।

गौरतलब है कि उमरे का प्रयागराज जंक्शन प्रदेश का पहला ईट राइट स्टेशन (Eat Right Station) बना था।फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की ओर से इसका प्रमाण पत्र जारी किया गया था। झांसी मंडल में ग्वालियर व डबरा स्टेशनों को ईट राइट स्टेशन का दर्जा मिल चुका है। अब झांसी स्टेशन की बारी है।

शुक्रवार को ईट राइट स्टेशन प्रमाणन हेतु फायनल आडिट करने एफ एस एस ए आई दिल्ली की आडिटर इकरा पहुंची। उनके साथ में अनिल कुमार पोद्दार अभिहित अधिकारी मुख्यालय प्रयागराज, ए के शुक्ला खाद्य सुरक्षा अधिकारी झांसी रेल मंडल मौजूद रहे। टीम द्वारा स्टेशन पर खान-पान इकाईयों पर जाकर खाना बनाते या सर्व करते समय हाइजीन का ध्यान रखना, खाद्य सामग्री, रखरखाव, साफ़ सफाई आदि को फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के 240 मानकों की कसौटी पर कसा। टीम को जहां जहां जो भी कमियां मिलीं उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

कई घंटे चले आडिट की टीम ने रिपोर्ट तैयार की। आडिट के बाद टीम ने मंडलीय रेल अस्पताल में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। देखना है कि ईट राइट स्टेशन के मानकों पर वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन खरा उतरता है कि नहीं। हालांकि जो संकेत मिले उनसे ईट राइट स्टेशन का दर्जा मिलना तय है।

गौरतलब है कि एफएसएसएआई अथॉरिटी की ओर से सही भोजन, बेहतर जीवन योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले संस्थानों को न्यूनतम मानक पूरे करने होते हैं। संस्थानों की ओर से इस बाबत किए गए आवेदनों के आधार पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से जांच कराई जाती है। केंद्रीय टीम भी परीक्षण करती है। इनकी रिपोर्ट के आधार पर यह सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।

इसलिए दिया जाता है ईट राइट अवॉर्ड
रेलवे स्टेशन को साफ-सुथरा फूड मुहैया कराने के लिए ये सम्मान दिया गया है. भारत के अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई न होना एक बड़ा मुद्दा रहा है और ये विदेशों में भी चर्चा का मुद्दा रहा है। ज्यादातर यात्री रेलवे स्टेशनों पर चीजों को खाने से बचते हैं क्योंकि उनके हिसाब से इन्हें बनाते या सर्व करते समय हाइजीन का ध्यान नहीं रखा जाता है।

इस तरह दिया जाता है Eat Right Award
FSSAI स्टेशनों पर कैसा खाना मिलता है इसको लेकर लगातार सर्वे कर रहा है। सर्वे में वह खानपान की गुणवत्ता पर रेटिंग करता है। इस रेटिंग में 1 से लेकर 5 स्टार का दर्जा दिया जाता है। यदि किसी स्टेशन को 4 स्टार दिए गए हैं, तो इससे ये साबित होता है कि इस स्टेशन का खाना हाइजीनिक और सुरक्षित है।