बृद्ध बोला- सपना देकर बर्षों से 12 बार काट चुका है सांप, ले रहा है पिछले जन्म का बदला

झांसी। इस युग में भले ही लोग पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करें, किंतु यह हकीकत है। पिछले जन्म में दो भाईयों में झगड़ा हुआ और एक दूसरे के लोगों की हत्या कर दी। इस जन्म में एक भाई सांप व दूसरा मानव योनि में जन्मा। इसके बाद पिछले जन्म का बदला लेने सांप योनि में जन्मा भाई अपने मानव योनि में जन्मे भाई से बदला लेने 12 बार काट चुका है। यह बदले की कहानी झांसी जिले के चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा की है जहां सांप रूपी भाई स्वप्न में आकर वृद्ध को चेतावनी देकर काटता है।

चिरगांव क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा निवासी सीताराम अहिरवार ने बताया- “जब वह करीब 25-30 बर्ष का था। तब उसे पहली बार सपने में एक सांप दिखाई दिया जो उसे कुछ दिन बाद डसने की चेतावनी दे रहा था। सीताराम के मुताबिक करीब 2 दिन बाद ऐसा ही हुआ और उसे पहली बार उस सर्पा ने काटा। समय-समय पर बर्ष, 2 बर्ष के अंतराल में उसे ऐसे ही सपने आते थे और कुछ दिनों बाद उसे एक काला सर्प काट लेता था। सीताराम की मानें तो उसे अब तक करीब 12 बार काला सांप काट चुका है। हर बार जब उसे सांप सताता तो वह गांव के हनुमान मंदिर पर पहुंच जाता और गांव के लोग उसकी झाड़-फूंक करते, जिसके बाद वह ठीक हो जाता था।
सीताराम अहिरवार ने बताया- अभी विगत कुछ दिन पहले उसे एक सांप ने सताया तो हर बार की तरह वह गांव के हनुमान मंदिर पर पहुंचा। दशहरे के दिन मंदिर के पुजारी विपिन बिहारी, झाड़-फूंक करने वाले कमलेश अहिरवार, शिरोमणि बुंदेला, बालकृष्ण कुशवाहा, हेमंत जोशी सहित गांव के सैकड़ों लोग मंदिर पर एकत्रित हो गए।
झाड़-फूंक करने वाले शिरोमणि सिंह बुंदेला ने बताया- मंदिर पर जब सीताराम को आराम देने के लिए झाड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई तो उसके अंदर कोई अदृश्य शक्ति जाकर कहने लगी कि इसे काटने वाला सर्प एक ही है। जो बर्षों से बदला लेना चाहता है। पूर्व जन्म में सीताराम और सर्प दोनों भाई-भाई थे। किसी बात को लेकर दोनों का झगड़ा हुआ और दोनों ने एक दूसरे के लोगों की हत्या कर दी थी। जिनमें से एक भाई ने सीताराम अहिरवार के रूप में जन्म लिया तथा दूसरा सर्प बना।
सीताराम की झाड़-फूंक की गई और उसे हर बार की तरह 12वीं बार भी आराम मिल गया। ग्रामीणों ने बताया इस मंदिर पर कैसे भी सर्प ने काटा हो, वह ठीक हो जाता है। आज ही के दिन वहां पर गांव के ही एक प्रदीप की झाड़-फूंक की गई। उसे भी कुछ दिन पहले काले सर्प ने काटा था।
इस कहानी में हकीकत और फसाना क्या है, यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। हनुमान मंदिर पर लोगों की आस्था है। हम किसी भी अंधविश्वास का समर्थन नहीं करते हैं।
इस मौके पर श्याम बिहारी, राजाराम, गोविंदास, राहुल, ग्राम प्रधान शिवदयाल, श्रीराम, जितेंद्र बुंदेला, राम जी, बाबूलाल, फूल सिंह अहिरवार, प्रदीप, राजेश, रामसेवक सहित समस्त ग्रामवासी और क्षेत्र के दर्जनों लोग मौजूद रहे।