झांसी। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

लोक अभियोजक कपिल करौलिया और केशवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार झांसी के थाना गुरसराय क्षेत्र के गांव दखनेश्वर निवासी रतीराम अहिरवार की पत्नी प्रेमकुमारी ने गुरसराय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 6 जून 2020 को गांव का बैजनाथ कुशवाहा उसके पति रतीराम को शराब पिलाने के लिए घर से ले गया था। वहां दोनों के बीच नशे में विवाद हो गया था। इस दरम्यान बैजनाथ ने रतीराम पर लाठी-डंडे व कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। बैजनाथ रतीराम के शव को घर से घसीटकर खलिहान में ले गया और कुएं के पास फेंक दिया था । रतीराम का शव अगले दिन बरामद हुआ था ।

पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त बैजनाथ कुशवाहा को हत्या का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 23 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर यह रकम उसकी संपत्ति से वसूलने का भी आदेश जारी किया। न्यायालय ने घटना के लगभग साढ़े तीन साल पुराने मामले में सजा सुनाई।