बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में माइक्रोब्स पर तीन दिवसीय 64 वीं वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ़ इंडिया की 64 वीं वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन 1 से 3 दिसंबर तक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस में भारत के साथ ही विश्व के अनेक देशों से वैज्ञानिक माइक्रोब्स और मानव जीवन एवं पर्यावरण अनुकूलन में उनकी उपयोगिता पर मंथन करेंगे।

एएमआई की जनरल सेक्रेटरी प्रो नमिता सिंह ने बताया कि 1938 से लगातार इस कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यूनाइटेड नेशंस द्वारा सतत विकास के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। कोरोना त्रासदी ने हमें बताया है कि माइक्रोब्स के बारे में जानकारी होना कितना महत्वपूर्ण है। माइक्रोब्स वह सूक्ष्म जीव है जो पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट होने के बाद भी जीवित रहते हैं। इस बार इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी कि भारत भर में जितने भी शैक्षणिक संस्थान है उनमें सामान्य पाठ्यक्रम अपनाया जाए। इसके साथ ही प्राइमरी और सेकेंडरी में भी छात्रों को माइक्रोब्स के बारे में जानकारी प्रदान की जाए।

प्रो मीनाक्षी प्रसाद, सेंट्रल काउंसिल मेंबर एएमआई ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य भविष्य में माइक्रोब्स को लेकर बनाई जाने वाली योजनाओं का निर्माण एवं इस संबंध में सरकार की नीति निर्माण में सहायता प्रदान करना है।

कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ ऋषि सक्सेना ने बताया कि इसमें लगभग 27 राज्यों एवं सात देशों से वैज्ञानिक सहभागिता करेंगे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आईसीएआर सेंट्रल एग्रो फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ संयुक्त रूप से प्रथम बार इसका आयोजन कर रहा है। इससे निश्चित ही बुंदेलखंड में माइक्रोब्स को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। विश्वविद्यालय के छात्रों को भी अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की जानकारी का लाभ मिलेगा एवं वे इस विषय में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकेंगे।

डॉ एम आशाज्योति सह ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में शिक्षक छात्र संवाद, विशिष्ट व्याख्यान, शोध पत्र प्रस्तुति, एवं विषय विशेषज्ञों के बीच चर्चा जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके साथ ही नए नवाचारों से सुसज्जित शोध पत्रों को अंतरराष्ट्रीय इंडियन जनरल आफ माइक्रोब्स में प्रकाशित किया जाएगा।