झांसी। लापता चल रहे लगभग 19 वर्षीय अंशुल यादव का शव आखिरकर 72 घंटे बाद झांसी-खजुराहो मार्ग पर नये पुल के नीचे बेतवा नदी में मिल गया है। पुलिस ने एसडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला तो सभी आश्चर्यचकित रह गए। मृतक के हांथ और मुंह बंधा हुआ था। परिजनों का आरोप है कि 2 से 3 लोगों ने रंजिशन उसे नोटघाट पुल से नदी में फेंक कर हत्या कर दी।

गौरतलब है कि झांसी जिले के बरुआसागर थानान्तर्गत ग्राम उजयान निवासी लगभग 19 वर्षीय अंशुल यादव तीन से लापता चल रहा था। 24 घंटे पहले अंशुल यादव की बाइक पारीछा से उजयान जाने के लिए बने पीपे के पुल के पास बेतवा नदी में मिली थी। परिजनों के आरोप और सीसीटीवी कैमरे में बाइक का पीछा करते हुए कार के फुटेज को आधार मान कर बरुआसागर पुलिस ने गांव के तीन लोगों को हिरासत में लिया और पूछतांछ शुरु कर दी।

पूछताछ में बरुआसागर पुलिस को मिले अहम सुरागों के आधार पर एसडीआरएफ, गोताखारों की मदद से झांसी-खजुराहो मार्ग पर बने नए पुल के पास बेतवा नदी में उसकी खोजबीन शुरु कर दी। 36 घंटे लगातार खोजबीन के बाद एसडीआरएफ व पुलिस और गोताखोरों ने लापता चल रहे अंशुल के शव को बेतवा नदी से खोज निकाला। शव को जब नदी से बाहर निकाला गया तो उसे देख कर सभी के रोंगटे खड़े हो गए। मृतक के हांथ और मुंह रस्सी से बंधे हुए थे। जिससे स्पष्ट है कि आरोपियों ने अशंल के हाथ और मुंह बांधकर पुल से बेतवा नदी में फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया इसका वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं हो सका।

परिजनों की मानें तो आरोपियों ने होटल में खाने के लिए दौरान हुई पुरानी रंजिश को लेकर इस वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही आरोपियों से पूछताछ जारी है।