मेडिकल कॉलेज में निजी एम्बुलेंस के प्रवेश पर पाबंदी, कैम्पस के बाहर भी लगी रोक

झांसी। रविवार को प्राइवेट एंबुलेंस का मेडिकल कॉलेज में प्रवेश रोकने के शासनादेश के बाद कालेज परिसर में प्राचार्य ने पुलिस के साथ वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक का राउंड लिया। इस दौरान गेट नंबर तीन के आगे कई एंबुलेंस खड़ी मिलने पर जब चालकों से कहा कि कैंपस के बाहर कोई निजी एंबुलेंस खड़ी न हो। इस पर निजी एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल कर दी।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को नर्सिंग होम तक लाने के लिए संचालकों ने अपने दलाल सक्रिय कर रखें। इसमें कई एंबुलेंस चालक भी शामिल हैं, जो मरीजों को अपने सेटिंग वाले नर्सिंगहोम में ले जाते हैं। कई मामलों में विवाद होने पर दलाली उजागर होने पर मामले शासन तक पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिए हैं कि कोई भी निजी एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज या कैंपस के बाहर भी दिखाई न दें।

इस पर रविवार को प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने पुलिस के साथ कैंपस में निजी एंबुलेंस को लेकर जांच अभियान चलाया। कैंपस के बाहर गेट नंबर तीन के पास कई निजी एंबुलेंस खड़ी मिल गईं। प्राचार्य ने कहा कि कैंपस से बाहर एंबुलेंस खड़ी न हो। तत्काल एंबुलेंस हटाएं वरना कार्रवाई की जाएगी। प्राचार्य के जाने के बाद निजी एंबुलेंस चालक एकजुट हो गए। शाम चार बजे उन्होंने हड़ताल कर दी और गेट नंबर तीन पर पार्किंग में डेढ़ सौ से अधिक एंबुलेंस खड़ी कर दीं। ऐसे में भर्ती होने के लिए मरीजों ने सरकारी एंबुलेंस का सहारा लिया।

जानकारों का कहना है कि अगर हड़ताल खत्म नहीं होती है तो झांसी से बाहर मरीजों को ले जाने में परेशानी होगी।

एम्बुलेंस चालकों का कहना है कि सभी 170 निजी एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल कर दी है। मेडिकल कॉलेज गेट नंबर तीन के आगे नगर निगम की पार्किंग में निजी एंबुलेंस खड़ी होती हैं। इसके लिए 800 रुपये मासिक किराया देते हैं। अब कॉलेज प्रशासन हटाने के लिए कह रहा है। किसी मरीज का फोन आएगा तो कॉलेज जाना पड़ेगा। जांच पड़ताल के बाद एंट्री दें। मगर प्रतिबंध न लगाएं।