झांसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों को सशक्त बनाने पर ध्यान देने के साथ अंतरिम बजट 2024-25 पेश कर दिया है। यह मोदी सरकार के कार्यकाल का दूसरा अंतरिम बजट था. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतरिम बजट मुख्य रूप से नई सरकार के कार्यभार संभालने तक आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने पर केंद्रित होता है, लेकिन इसमें कई प्रमुख उम्मीदें होती हैं। एक अंतरिम बजट, जिसे अक्सर वोट-ऑन-अकाउंट के रूप में जाना जाता है, कुछ महीनो के लिए सरकार द्वारा प्रस्तुत एक वित्तीय योजना होती है. इसे अक्सर उस समय पेश किया जाता है, जब सरकार का कार्यकाल समाप्त होने में कम समय बचा रहता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (एक फरवरी) को मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीब, महिलाएं, किसान और युवा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर ध्यान देने से अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है | साल 2047 तक भारत एक विकसित राज्य बन जाएगा।
अंतरिम बजट में रेलवे, एविएशन और बंदरगाहों सहित बुनियादी ढांचे पर बड़ा जोर रहा। पोर्ट कनेक्टिविटी, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं , कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का प्रयोग, कृषि क्षेत्र की और वृद्धि के लिए, सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में सार्वजनिक और निजी निवेश को और बढ़ावा देगी | 1 करोड़ लोगों के घरों पर सूर्योदय योजना के तहत सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट की मुफ्त बिजली उपलब्ध होगी | तीन नए रेल कॉरिडोर का निर्माण एवं 40 हजार नॉर्मल रेल डिब्बों को वंदे भारत में बदला जाएगा । इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज की स्थापना, आयुष्मान भारत योजना से आशा और आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को लाभ, पीएम आवास योजना ग्रामीण के अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य शामिल है |
अंतरिम बजट ढांचेगत विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है इसलिए अपेक्षा है कि आने वाले समय में अमृत सरोवर तालाबों एवं जल संरक्षण पर भी योजनाएं शामिल की जाएँगी |