बुविवि के हिंदी संस्थान में विशेष कार्यक्रम

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत के कारण ही हम विश्व गुरु रहे। इसके लिए हमें अपनी समृद्ध विरासत को संजोकर रखना होगा। बहुभाषी होने पर संबंधित व्यक्ति का महत्व स्वत: बढ़ जाता है।

प्रो पाण्डेय ने कहा कि हम मातृभाषा के जरिए ही सफलता के मुकाम हासिल करते हैं। इसी को ध्यान में रखकर एन ई पी 2020 में मातृभाषा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने विविध भाषाओं को प्रोत्साहित करने की खातिर अनेक एप्लीकेशन विकसित किए हैं। प्रो पाण्डेय ने कहा कि आप जितने अधिक भाषाओं का ज्ञान रखते हैं आप का महत्व उतना ही बढ़ जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों को महत्वपूर्ण परियोजनाओं का प्रस्ताव बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय विविध भाषाओं के विकास के लिए कृत संकल्पित है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशाल त्रिपाठी ने भी मातृभाषा के महत्व को विस्तार से रेखांकित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को मातृभाषा के प्रसार में अहम भूमिका निभाने का आह्वान किया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हिंदी संस्थान और महिला अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में बुविवि के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने निज भाषा उन्नति कहे सब उन्नति को मूल रचना का उल्लेख करते हुए मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा भाषा पर गर्व होना चाहिए।
संचालन डा अचला पाण्डेय ने किया।

प्रारंभ में हिंदी विभागाध्यक्ष और कला संकाय अध्यक्ष प्रो मुन्ना तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया व कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की। इस कार्यक्रम में डा बीबी त्रिपाठी, डा श्रीहरि त्रिपाठी, उमेश शुक्ल, डा सुधा दीक्षित, डा प्रेमलता, डा सुधा वर्मा, डा पुनीत, डा द्युतिमालिनी समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।