झांसी। चिन्मय मिशन झांसी के ज्ञान यज्ञ के आज तृतीय दिवस मुख्य प्रवचन कर्ता स्वामी अद्वैतानंद ने कृष्ण लीला रहस्य बताते हुए कहा कि भगवान मारते नहीं हैं, वो तारते हैं। भगवान से ज्यादा महिमावान भगवान का नाम है। निर्गुण और सगुण भक्त दोनों नाम की ही भक्ति करते हैं। सुबह सत्र में भगवान शंकराचार्य कृत दृग दृश्य विवेक में सविकल्प और निर्विकल्प ध्यान का अंतर बता, सच्चिदानंद रूप को ही ध्यान का एकमात्र ध्येय बताया। प्रवचन में ध्यान की प्रकिया पर साधकों को निर्देश भी दिया। भीतर मन में दृश्य और शब्द को दृष्टा भाव से देखने से सविकल्प ध्यान धीरे धीरे निर्विकल्प ध्यान हो जाता है। ब्रह्मचारी राघवेंद्र ने सभी आगुंतको को चिन्मय मिशन की पुस्तके लेने हेतु प्रेरित किया।

प्रवचन के प्रारंभ में दीप प्रज्वल्लन कृष्णा शर्मा, सीता देवी, शारदा पटेल, रविन्द्र गौर, आरपी शर्मा, शोभा अग्रवाल, सविता साहू, हरीश अग्रवाल, सचिव ईo मुकेश गुप्ता, रजनी गुप्ता द्वारा किया गया। गुरुदेव आरती में नूपुर, आशीष श्रीवास्तव, सीमा, दीपक कपूर, कृष्णा सक्सेना, आरसी गुप्ता, सुरेंद्र साहू आदि शामिल रहे। इस ज्ञान अमृत का लाभ लेने हेतु आज 450 से अधिक साधकों से साथ श्रीमती चंदा अरोरा, एसपी अत्रि, संगीता गुप्ता, प्रेमलता गुप्ता, दीप्ति गुलाटी, आरके धवन, वीके सेठ, प्रेमलता अत्रि, गोपाल गोयल, प्रमोद गुलाटी, पीएन गुप्ता, आरसी गुप्ता, वीके सेठ, चंद्रिका त्रिपाठी, श्रवण कुमार पांडे आदि साधक उपस्थित रहे। प्रवचन उध्वोधन के पूर्ण होने पर सभी साधकों के लिए मधुर प्रसाद प्रायोजक शारदा पटेल, शोभा अग्रवाल, सविता साहू की ओर से किया गया। चिन्मय मिशन सचिव ईo मुकेश गुप्ता ने संचालन और सबका आभार व्यक्त किया गया।