झांसी । गैर इरादतन हत्या एवं चोरी के मामले में आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश अनु. जाति और अनु.जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, शक्ति पुत्र तोमर की अदालत में तीन अभियुक्तों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गयी।

लोक अभियोजक केशवेंद्र प्रताप सिंह व कपिल करोलिया‌ के अनुसार २० फरवरी २०१० को वादी मुकदमा का छोटा भाई रविन्द्र अहिरवार मजदूरी करने के लिए साइकिल से राजगढ़ गया था, रात को घर वापस नहीं आया। जिसका पता वह रिश्तेदारियों में लगाता रहा। शाम को मालूम हुआ कि बल्लमपुर रोड पर गोदाम के पास एक अज्ञात शव मिला है।पुलिस चौकी बिजौली में खड़ी साइकिल व कपड़ों के मुताबिक उक्त शव भाई रविन्द्र अहिरवार पुत्र रामशरण उम्र करीब ४० वर्ष निवासी राजगढ़ का ही है।तहरीर के आधार पर धारा ३०४ भा. द. सं. के तहत थाना प्रेमनगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया।विवेचक द्वारा विवेचना उपरान्त आरोप पत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रेषित किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त प्रेम कुमार प्रजापति पुत्र रामप्रसाद प्रजापति, नन्दू अहिरवार पुत्र सुन्दर अहिरवार, जनवेद अहिरवार पुत्र ख्यालीराम निवासीगण राजगढ़ को धारा ३०४ के द्वितीय भाग सपठित धारा ३४, धारा ४०४ / ३४ भा. द. सं. एवं धारा ४ / २५ आयुध अधिनियम के अन्तर्गत दोषसिद्ध किया गया। अभियुक्त प्रेम कुमार प्रजापति को अन्तर्गत धारा ३(२) ५ एस.सी. एस.टी एक्ट में दोषमुक्त कर दिया गया।

अभियुक्तगण प्रेम कुमार प्रजापति, नन्दू अहिरवार व जनवेद अहिरवार प्रत्येक को धारा ३०४ भा.द.सं. के द्वितीय भाग सपठित धारा ३४ के अन्तर्गत १०-१० वर्ष के सश्रम कारावास व ५,०००-५००० रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर ०२-०२ माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ४०४/३४ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०३-०३ वर्ष के सश्रम कारावास व २,०००-२,००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०१-०१ माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ४/२५ आयुध अधिनियम के अन्तर्गत ०६-०६ माह के सश्रम कारावास व ५००-
५०० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर १०-१० दिन के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गयी।