आए दिन सुविधा बनती है असुविधा, परेशान रहते हैं यात्री

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं, किन्तु सुविधाएं जिम्मेदार कर्मचारियों की लापरवाही के चलते असुविधाओं में परिवर्तित होकर रेल प्रशासन की छबि पर धब्बा लगा रहे हैं। ऐसा ही मामला झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर देखने को मिला। यह मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।

दरअसल, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म पर लगाये गये लिफ्ट व एस्कलेटर ( स्वचालित सीढ़ी) आए दिन खराब हो जाते हैं जबकि इनकी देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात हैं पर वह जिम्मेदारी का सही ढ़ंग से पालन नहीं करते इसके कारण मजबूर होकर यात्रियों को सीढियां चढ़ कर एक प्लेटफार्म से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है। हम यहां बात कर रहे शनिवार को एक्सलेटर के खराब हो जाने की।

शनिवार को 126550 कर्नाटक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद सुधांशु त्रिवेदी वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर पर उतरे। उन्हें बुंदेलखंड विवि में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना था। उनकी अगवानी के लिए प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

प्लेटफार्म नंबर 2 से प्लेटफार्म नंबर एक पर जाने के लिए सांसद सुधांशु त्रिवेदी व उन्हें लेने आए लोग एक्सलेटर पर सवार हो गए। दो-चार सीढियां आगे बढ़ने के बाद अचानक एक्सलेटर की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। काफी देर तक जब एक्सलेटर दुरुस्त नहीं हुआ तो सुधांशु त्रिवेदी सहित अन्य सभी उसकी सीढियां लांघते हुए प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचे।

रेल प्रशासन की इस लापरवाही का एक पत्रकार ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का पक्ष रखने वाले सुधांशु त्रिवेदी क्या झांसी स्टेशन पर असुविधा बनी सुविधा के मामले में कुछ सवाल करेंगे ? फिलहाल प्लेटफार्म पर लिफ्ट व एस्कलेटर खराब व दुरुस्त करने का सिलसिला जारी है और रेल प्रशासन मूक बना हुआ है।

ओवर लोड सेफ्टी लागू हो गई थी

उक्त मामले में जन सम्पर्क अधिकारी एम के सिंह ने स्पष्ट किया है कि पहले एस्केलेटर काम कर रहा था, मीडिया और दूसरे लोग फोटो/वीडियो लेने के लिए तेजी से ऊपर जा रहे थे, इसलिए ओवरलोड सेफ्टी स्वता लागू हो गई थी। स्टाफ ने रीसेट करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा, जाने के बाद चालू करना। इसमें एस्केलेटर के खराब होने जैसी कोई समस्या नहीं थी। रेल प्रशासन जन सुविधाओं को व्यवस्थित रखने के भरपूर प्रयास करता है।