झांसी। भले ही भारतीय जनता पार्टी झांसी-ललितपुर संसदीय सीट सहित बुन्देलखण्ड की कई सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित करने में कतरा रही है, किन्तु समाजवादी पार्टी ने आज अपने पांच और प्रत्याशियों की एक और सूची आज जारी कर दी है। सभी कयासों को दरकिनार कर समाजवादी पार्टी ने इस सूची मेें झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। समाजवादी पार्टी की ओर से जारी अधिकृत सूची के अनुसार झांसी-ललितपुर संसदीय सीट से पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया जबकि बरेली से भगवत शरण गंगवार, मुरादाबाद से नासिर कुरैशी, उन्नाव सीट से पूजा पाल व कुशीनगर सीट से नथुनी प्रसाद कुशवाहा को पार्टी ने सपा-बसपा गठबंधन का प्रत्याशी घोषित किया है।
दरअसल, पूर्व में ही पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह व रा’य सभा सदस्य डॉ. चन्द्र पाल सिंह यादव के नाम अग्रिम पंक्ति में चल रहे थे। समाजवादी पार्टी ने गहन मंथन करने के बाद गठबंधन के तहत अपने खाते में आई झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर दमखम वाले प्रत्याशी को उतारने का निर्णय लिया था क्योंकि पार्टी ऐन-केन प्रकारेण इस सीट को भाजपा से छुड़ाने का मंसूबा बनाए है। पूर्व में यह सीट भाजपा की उमा भारती के पास थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व को चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया था। इसलिए भाजपा में भी टिकट के लिए इस सीट पर मारामारी मची हुई है। इधर, कांगे्रस ने अपने घटक दल जन अधिकार पार्टी गठबंधन से इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतार दिया है। इसको देखते हुए यह महत्वपूर्ण माना जा रहा था कि पहले सपा गठबंधन अपना प्रत्याशी घोषित कर दे, उसके बाद भाजपा अपने पत्ते खोलेगी। इसको देखते हुए झांसी-ललितपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला तय है। इधर, सपा से श्याम सुंदर सिंह यादव का टिकट घोषित होते ही गठबंधन के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हर्ष व्यक्त करते हुए एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और इस सीट पर विजय प्राप्त करने के लिए जुट जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
झांसी व बांदा सीटों पर भाजपा का गहरा मंथन जारी
झांसी। बुन्देलखण्ड की झांसी-ललितपुर व बांदा-चित्रकूट संसदीय सीटों पर अन्य दलों ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, किन्तु भारतीय जनता पार्टी मेें प्रत्याशी को लेकर निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा है। सप्ताह भर में भाजपा की झांसी संसदीय सीट के लिए अभी तक आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवारों के नाम चर्चा में आ चुके हैं। इधर, हाल ही में भूतपूर्व सांसद विश्वनाथ शर्मा के पुत्र अनुराग शर्मा के नाम के उछलने से राजनैतिक गलियारों में माहोल गर्मा गया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूमर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा चुनाव लडऩे से इंकार करने व उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने से दावेदारों की भाग-दौड़ शुरू हो गयी है, इधर, उमा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर तीन नाम सुझाए थे। हालांकि एक नाम को तो तुरंत ही खारिज कर दिया गया था। उसके बाद उन्होंने गंगाचरण राजपूत और निषाद समाज के एक नेता का नाम लिया था। इसकेसाथ ही कल तक परिदृश्य से गायब गंगाचरण राजपूत ने झांसी की राजनीति में सक्रियता दिखाना भी शुरु कर दिया। इसके पूर्व सदर विधायक रवि शर्मा, बबीना विधायक राजीव सिंह, पूर्व रा’य मंत्री रविन्द्र शुक्ल, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय दुबे, रा’यमंत्री दर्जा प्राप्त हरगोविन्द कुशवाहा, रामरतन कुशवाहा, जगदीश साहू, भाजपा के मीडिया पैनेलिस्ट डा विजय खेरा आदि द्वारा दावेदारी प्रस्तुत की जा चुकी है। गत दिवस अचानक वैद्यनाथ आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक व भूतपूर्व सांसद पंडित विश्वनाथ शर्मा के पुत्र अनुराग शर्मा ने के नाम की चर्चा ने जोर पकड़ लिया। कहा यह जा रहा है कि इनके नाम पर नागपुर से हरी झण्डी है।
वहीं बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में भी मंथन का दौर जारी है। इसका कारण वर्तमान सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के नाम पर विचार और विकल्प के तौर पर अशोक कुमार त्रिपाठी उर्फ जीतू, रमेश अवस्थी व आनन्द शुक्ला के नामों पर चिंतन की चर्चा है। गौरतलब है कि अशोक त्रिपाठी उर्फ जीतू भूतपूर्व जनसंघ समर्थित सांसद रामरतन शर्मा के पुत्र हैं और सपा के एक दिग्गज नेता ने उनका समर्थन करने के लिए ट्वीट भी किया है।