बुंदेलखंड का भूभाग आधा मध्य प्रदेश के पिछवाड़े, किनारे पर और आधा उत्तर प्रदेश के पिछवाड़े, किनारे पर है और बुंदेलखंड अनदेखा और उपेक्षित है। ऐसा मानना है राजा बुंदेला का, जो बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद के अनुभवी, बुंदेलखंड की समस्याओं और उनके समाधान के पारखी, भाजपा नेता, फिल्म निर्माता, अभिनेता भी हैं। राजा बुंदेला ने यह बात अपनी पांव पांव गाँव गाँव यात्रा के दौरान अपने जनसंवाद में कही। उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक राज्य आवश्यक है, क्योंकि क्षेत्र की समस्याओं को समझने और सुलझाने में, एक बड़ी विधानसभा में बुंदेलखंड के कुछेक चुने हुए जनप्रतिनिधि कमजोर पड़कर, प्रभावशाली ढंग से बुंदेलखंड के प्रति सरकार का ध्यानाकर्षित करने में असमर्थ हो जाते हैं।
डॉ. आश्रय सिंह के कुशल यात्रा संचालन में बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में और राजा बुंदेला के नेतृत्व में बुंदेली सेना, अपनो बुंदेलखंड, बुंदेलखंड विकास संस्था, बुंदेलखंड क्रांति दल, बुंदेलखंड राज्य निर्माण संघर्ष समिति, बुंदेलखंड नव निर्माण सेना, बुंदेलखंड अधिकार मंच, जैसी दर्जनों संस्थाओं ने बुंदेलखंड राज्य की मांग करते हुए, विजय के प्रतीक दशहरे दिन 12 अक्टूबर, को तुवन मंदिर प्रांगण, ललितपुर से गांव गांव पाँव पाँव यात्रा का प्रथम चरण आरंभ किया था, जो अब तक एक सशक्त जन संवाद और पृथक राज्य की मांग का आंदोलन का स्वरूप ले चुका है। उनकी इस यात्रा को और बुंदेलखंड राज्य की मांग को संपूर्ण बुंदेलखंड की कई संस्थाओं के अतिरिक्त अलग अलग पार्टियों के नेताओं का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है। यात्रा ज्यों ज्यों आगे बढ़ रही है, अलग अलग गांवों से निकलते हुए, आम लोगों का भरपूर प्यार और समर्थन भी खूब मिल रहा है।
प्रथम चरण में बुंदेलखंड गांव गांव पाँव पाँव जन यात्रा के मार्ग में उत्तर प्रदेश में स्थित बुंदेलखंड के ललितपुर, दैलवारा, रागपंचमपुर, जखौरा, रायपुर, बांसी, बार, खैरा झूमरनाथ, विजयपुरा, तालबेहट आदि ग्रामों और उनसे सटे अन्य गांवों की पंचायतों, प्रधानों, किसानों, छात्रों, नौजवानों और महिलाओं से राजा बुंदेला का जन संवाद अभी तक हो चुका है और अभी प्रथम चरण के मार्ग में बरुआसागर, सकरार , बंगरा, मऊरानीपुर, मार कुआ, गरौंठा, गुरसराय, टहरौली, लोहरगांव, चिरगांव, परीछा, झांसी में जन संवाद होना बाकी है।
24 अक्टूबर को दिन में इलाइट चौराहा, झांसी पर इस भव्य यात्रा के प्रथम चरण का समापन होगा। गांव गांव पाँव पाँव जन यात्रा के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश में स्थित बुंदेलखंड के गांवों में भी इसी प्रकार राजा बुंदेला के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य की मांग का जनसंवाद बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में दिसंबर में करने का विचार है। बुंदेलखंड को जोड़ने की यात्रा के समापन पर गृह मंत्री, प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिए जाएंगे, अभी परिसीमन की प्रक्रिया भी विचाराधीन है, इसलिए सरकार के रुख पर ही निर्भर है कि पृथक बुंदेलखंड राज्य का भविष्य क्या होगा।
पद यात्रा 17 अक्टूबर को झांसी जनपद पहुंच चुकी है।
18 को सुबह बरुआसागर पहुंचेगी। आज रात्रि प्रवास ग्राम -चकरपुर में है।