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पूर्व की मान्यता प्राप्त UNIONS को दिया जा रहा खुला प्रशासनिक संरक्षण 

झांसी। आर. डी. शर्मा केंद्रीय अध्यक्ष NCRWU ने आरोप लगाया कि मान्यता के चुनाव में पूर्व की मान्यता प्राप्त UNIONS ( NCRMU/NCRES) एवं रेल प्रशासन द्वारा मिल कर चुनावों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष दोनों तरह से प्रभावित किया जा रहा है जिसमें गैर मान्यता प्राप्त UNIONS के नामांकन को साजिश के तहत बिना किसी कारण के निरस्त्रीकरण किया जाना तक शामिल है। उन्होंने बताया कि 5 नवंबर 24 को PCPO/ HQ/ PRAYAGRAJ को साक्ष्यों सहित अवगत कराया गया था कि दोनों UNIONS (NCRMU/NCRES) द्वारा कर्मचारियों की COMMON MEMBERSHIP दिखाकर रिटर्न जमा किए गए थे जोकि लगभग 70% के आसपास होने का अंदेशा है। चूंकि रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन कानपुर द्वारा RTI के जवाब में साफ़ कहा गया है कि… “किसी उद्योग में कार्यरत एक कर्मचारी, उस उद्योग में पंजीकृत मात्र एक यूनियन का सदस्य बन सकता है। समस्त यूनियनों का सदस्य नहीं बन सकता है।” इस आधार पर दोनों मान्यता प्राप्त UNIONS (NCRMU/NCRES) के नामांकन को निरस्त किया जाना चाहिए था। लेकिन रेल प्रशासन ने षडयंत्रवश दोनों UNIONS को प्रत्यक्ष संरक्षण देते हुए इसे नजरअंदाज किया है। MORTALITY के स्पष्ट निर्देश के बावजूद 16 नवंबर तक NCR के तीनों मंडलों झाँसी, आगरा, प्रयागराज में सभी यूनियन कार्यालय खुले हुए हैं, प्रचार प्रसार प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से जारी है, सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ रेल प्रशासन की मिलीभगत से सिस्टर UNIONS को दिया जा रहा है जिसमें कार्ड पास, सरकारी ऑफिस, सेंसिटिव पोस्ट पर पदाधिकारियों की नियुक्ति इत्यादि शामिल हैं। चुनाव आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन रेल प्रशासन की मिलीभगत से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जो गैर मान्यता प्राप्त यूनियन चुनाव में लड़ रही हैं उन्हें ऐसी किसी प्रकार की सुविधा नहीं है बल्कि उनके पदाधिकारियों को रेल प्रशासन द्वारा अनावश्यक परेशान किया जा रहा है ताकि वह दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव में शामिल न हो सकें। रेल प्रशासन द्वारा इस प्रकार से मिलीभगत कर चुनाव कराया जाना सभी रेल कर्मचारियों के साथ धोखा एवं बेमानी है।