नंद घर आनंद भयौ जै कन्हैया लाल की….
झांसी। नोटक्षीर बनगुवां बरूआसागर स्थित गिरवरधारी जू महाराज के 25 वें पावन प्राकट्य महा महोत्सव एवं श्री हनुमंत महायज्ञ के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर गिरवरधारी जू का मंदिर प्रांगण साक्षात गोकुलधाम बन गया, जहां कथा व्यास बुंदेलखण्ड धर्माचार्य राधामोहन दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन प्रसंग सुनाया। भगवान के जन्म की कथा का प्रसंग सुन श्रोता जमकर झूमे जिससे पूरा वातावरण धर्ममय हो गया। नौनिहालों को टाफियां, बिस्कुट एवं खिलौने तो महाराज ने मेवा, मिष्ठान्न एवं लड्डू के रुप में बधाईयां बांटकर श्रद्धालुओं की झोलियां भर दी। कथा व्यास ने ‘नंद घर आनंद भयौ जै कन्हैया लाल की। हाथी दीन्हें, घोडा दीन्हें और दीन्हीं पालकी।’मधुर भजन गाये जिनकी धुनें सुन श्रोता भक्ति रह में सराबोर हो गये।
इससे पूर्व क्षत्रिय वंश में जन्मे प्रभु राम के अवतार एवं वामन भगवान के अवतार का मार्मिक वर्णन करते हुए महंत ने कहा कि जन्म तो इंसान का होता है,परमात्मा का नहीं। परमात्मा तो अजन्मा है, वह तो कण कण में बसा है तथा समय आने पर स्वत:ही प्राकट्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब जब धर्म की हानि होती हैं, पृथ्वी पर अधर्म बढता है तो संतों की रक्षा एवं दुष्टों का संहार करने तथा भक्तों को अपनी लीला का रसपान कराने के लिए प्रभु का प्राकट्य होता है।
प्रात:कालीन बेला में यज्ञाचार्य रामलखन उपाध्याय एवं पं.अनिल तिवारी ने विधि विधान से वेदिका पूजन कराया तदुपरांत यजमानों ने यज्ञ में आहुतियां दी। प्रारंभ में पारीछित श्रीमती विभा मृदुल तिवारी, ममता अजय अग्रवाल, दीर्घा विजय चौधरी, गीता राजेंद्र अग्रवाल, मुस्कान धीरज कुशवाहा, रमा आशाराम कुशवाहा, राजेश्वरी कोमल सिंह सिजरिया, जयकुंवर लालाराम कुशवाहा, सुनीता रामसिंह, फूलवती बृजमोहन साहू,रज़नी मारुति दीक्षित एवं गिरवरधारी जू मंदिर के पुजारी मदनमोहन दास एवं राधाबल्लभ महाराज श्रीधाम वृंदावन ने महाराजश्री का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण की आरती उतारी।अंत में व्यवस्थापक परमानंद दास ने सभी का आभार व्यक्त किया।
रात्रि में श्रीधाम वृंदावन धाम से पधारे श्रीहितआदर्श कृष्णकला भक्तमाल भक्तमाल चरित्र रामलीला मंडल के कलाकारों ने स्वामी देवेंद्र वशिष्ठ के निर्देशन में दशरथ मरण एवं बरती मिलाप की लीला का मनमोहक मंचन किया।
किष्किंधा पर्वत जा रहे संतों को भंडारा करा दी विदाई
ग्वालियर रोड स्थित कुंजबिहारी मंदिर में बृजमंडल एवं नेमिषारण्य से सैकडों संत पधारे। यह सभी संत किष्किंधा पर्वत जा रहे हैं जिन्होंने एक दिवस झांसी के कुंजबिहारी मंदिर में विश्राम कर भण्डारा चखा। मंदिर में अचानक पधारे सैकडों संतों की सूचना पाकर नोटक्षीर मंदिर में विराजमान महंत राधामोहन दास महाराज तत्काल संतों के लिए स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कराकर झांसी आये जहां संतों के आत्मीय दर्शन कर सभी को भण्डारा कराया और व्यंजनों से भरी डलिया एवं दक्षिणा देकर संतों की विदाई की।