ज़िंदगी में न ले तनाव हाइपर टेंशन से होगा बचाव
झाँसी । अगर आप भी जिंदगी में अधिक तनाव लेने लगे हैं, तो संभल जाइए। यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। गलत खानपान की आदतों के कारण हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को दावत देते है। इसे साइलेंट किलर बीमारी भी माना जाता है। इसके साथ ही आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हार्ट अटैक हाइपरटेंशन की वजह से भी हो सकता है। इसके प्रति लोगों के बीच जागरुकता लाने के लिए १७ मई को विश्व “विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे” मनाया जाता है।
ग़ैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ॰ आर एस वर्मा बताते है कि यदि किसी का रक्तचाप ९०-१४० एमएमएचजी से ज्यादा रहता है तो वह उच्च रक्तचाप की श्रेणी में आ जाता है। आजकल लोगों की जीवनशैली काफी बदल चुकी है जिसके फलस्वरूप वह अनेक गैर संचारी रोगों से ग्रसित हो रहे है। इनमें से एक है ‘उच्च रक्तचाप’, यह एक साइलंट किलर की तरह होता है क्योंकि इसके अपने कोई विशेष लक्षण नहीं होते। कई बार रोगियों को सिर में दर्द, चिड़चिड़ापन, घबराहट या चक्कर आने की शिकायत होती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों पर पड़ता है। इससे बचने के लिए रोजाना २५ से ३० मिनट की कसरत, संतुलित आहार का सेवन कम नमक का प्रयोग, व ६-८ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। उन्होने बताया कि हाइपरटेंशन पर जागरूकता फैलाने के लिए १७ मई को रानी लक्ष्मीबाई पार्क के सामने कैंप लगाया जाएंगे।
क्या है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन यानी कि हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति होती है, जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। सामान्य ब्लड सर्कुलेशन का रेंज १२०/८० एमएमएचजी होता है।
क्या कहते हैं आँकड़े
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे-४ (एनएफएचएस-४) के आँकड़ों की माने तो प्रदेश में जहाँ एक ओर १५-४९ उम्र की ५.९ फीसदी महिलाएं सामान्य से थोड़ा ऊपर, १.१फीसदी का मध्यम से ऊपर और ०.६फीसदी सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं वहीँ दूसरी ओर १५-४९ उम्र के ८.२फीसदी पुरुष सामान्य से थोड़ा ऊपर, १.४फीसदी मध्यम से ऊपर और ०.५फीसदी सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। जनपद की बात करें तो १५-४९ उम्र की कुल ४.६फीसदी महिलाएं सामान्य से थोड़ा ऊपर, ०.६फीसदी मध्यम से ऊपर और ०.४फीसदी सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। साथ ही १५-४९ उम्र के ६.४फीसदी पुरुष सामान्य से थोड़ा ऊपर, १.१फीसदी मध्यम से ऊपर और ०.९फीसदी सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं।
गैर संचारी प्रोग्राम के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ॰ जी एन अगरवाल के अनुसार जनपद में वर्ष २०१७-१८ में जहां हाइपर टेंशन के नए मरीजों की संख्या लगभग १६ हज़ार थी तो वही वर्ष २०१८-१९ में ये बढ़कर लगभग २५ हज़ार हो गई है। इस तरह अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाइपर टेंशन के मरीज बढ़ रहे है। यह वह मरीज है जो स्वास्थ्य केंद्र तक जांच के लिए आए है।