बैरक नंबर 5 ए तथा 5 बी में भारी अनियमितताओं ने प्रश्न चिन्ह लगाये
ललितपुर। ललितपुर जिला कारागार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा था। पुरूष बैरक संख्या 5 ए तथा 5 बी में भारी अनियमितताएं थीं। बैरक संख्या 5 ए की दीवारों पर गुटखा थूकने के निशान एवं बैरक के बाहर गुटखा एवं तम्बाकू के खाली पाउच भारी संख्या फेंकें हुये कहानी स्वयं बता रहे थे तो बैरक संख्या 5बी होटल के कमरे को भी मात कर रहा था। इसमें सुख-सुविधाएं बंदी बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर के लिए की गई थीं, डनल्लप के तकिए के नीचे पांच पांच सौ के नोटों की गड्डियां सुविधाओं का राज़ खोल रही थीं।
दरअसल, नरेन्द्र कुमार झा जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ललितपुर के निर्देशानुसार मयंक जायसवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार, ललितपुर, में 31 मई को प्रातः 10.45 बजे जिला कारागार ललितपुर का औचक निरीक्षण किया गया।
इस दौरान उन्होंने जिला कारागार में पुरूष बैरक, महिला बैरक, भोजनशाला, अस्पताल आदि का निरीक्षण किया। पुरूष बैरक संख्या 5 ए तथा 5 बी के निरीक्षण में भारी अनियमितता पायी गयी। बैरक संख्या 5 ए की दीवारों पर गुटखा थूकने के निशान एवं बैरक के बाहर गुटखा एवं तम्बाकू के खाली पाउच भारी संख्या फेंके हुये पाये गये।
बैरक संख्या 5बी के निरीक्षण में पाया गया कि उक्त बैरक का रख-रखाव सामान्य बैरकों से अलग, उच्च सुख सुविधा वाला था। उक्त बैरक में बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को रखा गया था। उक्त बन्दी को विशेष सुविधायें जेल प्रशासन द्वारा दी जा रही थी जिसमें उक्त पूर्व सांसद बन्दी के लिये डनल्लप का गद्दा, तकिया पाया गया। तकिये के नीचे 500-500 रू0 की गड्डी पायी गयीं जिसके बारे में पूर्व सांसद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह कुल रू0 30000/- है जो कि उनके खर्च के लिये उनके पास रखे हुये है। इसके अतिरिक्त उनके गद्दे के पास बैटरी वाला पंखा, देशी घी, अचार, मिठाई आदि तथा खाने की क्रॉकरी, टिफिन, ब्राण्डेड तेल, साबुन, शैम्पू, क्रीम आदि रखे हुये पाये गये। उसी बैरक में अन्य 04 बन्दी जमीन पर कटोरी में दाल और प्लास्टिक की पन्नी में रोटी रखकर खाते हुये पाये गये। जिसके बाबत जब जेल अधीक्षक से प्रश्न किया गया तो उन्होंने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इंकार किया।
इसके बाद अन्य बैरक की ओर बढ़ने पर एक बैरक में ताला बन्द पाया गया जिसके बावत पूछने पर जेल प्रशासन द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त बैरक का इस्तेमाल स्टोर एवं कैन्टीन आदि के प्रयोजन के लिये होता है परन्तु जब उक्त बैरक को खोलने के लिये कहा गया तो जेल कर्मी उक्त बैरकों को खोलने में अनावश्यक विलम्ब करते रहे और बार-बार बोलने के बाद उक्त बैरक को खोला गया। उक्त बैरक के निरीक्षण से यह दर्शित हो रहा था कि कुछ बन्दियों के लिये विशेष रूप से भोजन आदि तैयार किया गया था जबकि जिला कारागार की पाकशाला में सामान रूप से भोजन बनाया एवं वितरित किया जाता है। उक्त से दर्शित होता है कि जिला कारागार द्वारा विशेष बन्दियों के लिये विशेष सुविधायें प्रदान की जा रही है।
जेल में निरूद्ध बन्दियों से वार्तालाप किया गया तथा उनसे किसी भी प्रकार की समस्या तथा जेल प्रशासन से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत के बारे में पूंछा गया तो बन्दियों ने अवगत कराया जेल अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा अच्छा बर्ताव किया जाता है एवं किसी प्रकार की समस्या से अवगत नहीं कराया गया। बन्दियों से निशुल्क अधिवक्ता हेतु अवगत कराया गया तथा बन्दियों को बताया गया कि यदि उन्हें निशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वह कारागार प्रशासन के माध्यम से अपना प्रार्थना पत्र भेज सकते है। भोजनशाला में साफ- सफाई की व्यवस्था सामान्य पायी गयी ।
जिला कारागार की विजिट के दौरान मुकेश कुमार अधीक्षक जिला कारागार, जयनारायण भारती उप कारापाल, शकुन्तला देवी उप कारापाल, विजय द्विवेदी चिकित्साधिकारी एवं न्यायालय की ओर से रोहित राठौर, विशाल, नदीम खा उपस्थित रहे।