जालौन। जनपद की होनहार खिलाड़ी दिव्यांग बेटी स्वाति सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले और देश का मान बढ़ाया है। डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी, लखनऊ की छात्रा स्वाति ने युगांडा की राजधानी कंपाला में आयोजित युगांडा इंटरनेशनल टूर्नामेंट 2025 में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया। आज जब वह अपने जनपद लौटीं, तो रेलवे स्टेशन पर ढोल-नगाड़ों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया गया।
बता दें कि इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक देशों के दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया, जहाँ स्वाति सिंह ने अपने दमदार प्रदर्शन से तीन पदक जीते जिसमें स्वर्ण, कांस्य और रजत पदक शामिल हैं। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
जब स्वाति सिंह विजयी होकर जालौन पहुँचीं, तो उनके सम्मान में उरई रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। जिला प्रशासन, शिक्षकों, समाजसेवियों और जन प्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके संघर्ष और सफलता की सराहना की। उनकी इस उपलब्धि से पूरे जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई है।
स्वाति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, कोच और विश्वविद्यालय को दिया। उन्होंने कहा, “यह मेरी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय सफलता है, लेकिन मेरा लक्ष्य एशियन गेम्स और पैरालंपिक्स में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। मैं और अधिक मेहनत करके भारत का नाम रोशन करना चाहती हूँ।”
स्वाति सिंह की यह सफलता न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के दिव्यांग समुदाय के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने साबित किया कि शारीरिक चुनौतियाँ किसी के सपनों को रोक नहीं सकतीं। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को हौसला और मोटिवेशन देगी।