बरूआसागर (झांसी)! स्थानीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे प्राथमिक शिक्षक एकीकृत प्रशिक्षण ‘संपूर्ण’ के द्वितीय दिवस संयुक्त शिक्षा निदेशक राजू राणा के मुख्य आतिथ्य एवं जिला प्रशिक्षण संयोजक सुनील साहू के संयोजन में सम्पन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी आफ कर्नाटक के पूर्व फर्स्ट कोर्ट मेम्बर एवं आर्मी स्कूल झांसी के प्राचार्य रहे डॉ सुनील तिवारी ने कहा कि भाषा कौशल अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है, और यह हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है। भाषा के माध्यम से हम अपने अनुभवों, विचारों और भावनाओं को दूसरों के साथ बांट सकते हैं और उन्हें समझने में मदद कर सकते हैं।
प्राथमिक स्तर पर हिन्दी शिक्षण एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें बच्चों को हिन्दी भाषा की मूल बातें सिखाई जाती हैं। इस स्तर पर, बच्चों को हिन्दी वर्णमाला, शब्दों की पहचान, वाक्य रचना, और पढ़ने-लिखने की मूल बातें सिखाई जाती हैं।
प्राथमिक स्तर पर हिन्दी शिक्षण के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं:
1. वर्णमाला की पहचान: बच्चों को हिन्दी वर्णमाला के अक्षरों की पहचान कराई जाती है।
2. शब्दों की पहचान: बच्चों को सरल शब्दों की पहचान कराई जाती है और उन्हें शब्दों के अर्थ समझाए जाते हैं।
3. वाक्य रचना: बच्चों को सरल वाक्यों की रचना करना सिखाया जाता है।
4. पढ़ने का अभ्यास: बच्चों को नियमित रूप से पढ़ने का अभ्यास कराया जाता है।
5. लिखने का अभ्यास: बच्चों को नियमित रूप से लिखने का अभ्यास कराया जाता है।
प्राथमिक स्तर पर हिन्दी शिक्षण के लिए कुछ प्रभावी तरीके हैं:
1. खेल-खेल में सीखना: बच्चों को खेल-खेल में हिन्दी सीखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
2. कहानियों और कविताओं का उपयोग: बच्चों को कहानियों और कविताओं के माध्यम से हिन्दी सीखने में मदद मिल सकती है।
3. दृश्य सामग्री का उपयोग: बच्चों को दृश्य सामग्री जैसे चित्र, वीडियो आदि के माध्यम से हिन्दी सीखने में मदद मिल सकती है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप शिक्षा निदेशक राजू राणा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा बालक के अन्तस में पल रही संवेदना के प्रकटीकरण का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम में दीपक भारती, डॉ आलम, हरिओम सहित डाइट के प्रवक्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रशिक्षण संयोजक सुनील साहू ने कहा कि इस एकीकृत प्रशिक्षण के छ: बैच बनाये गये हैं, प्रत्येक बैच में बेसिक शिक्षा परिषद् के दो सौ शिक्षक- शिक्षकाओं को एकीकृत प्रशिक्षण दिया जायेगा।