हिंदी साहित्य भारती ( अंतरराष्ट्रीय) का आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का मंडलीय सम्मेलन झांसी में 31 को

 झांसी। विश्व में मजहब अनेक हो सकते हैं, पंथ अनेक हो सकते हैं, किंतु विश्व में धर्म एकमात्र सनातन धर्म है। सनातन धर्म शाश्वत है और मानवता का पाठ पढ़ाता है। पंथ व मजहब किसी के द्वारा चलाए गए हैं किंतु सनातन धर्म श्रृष्टि के साथ सृजित हुआ है। ये विचार हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ.रवींद्र शुक्ल ने स्थानीय एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए व्यक्त किए।

देश में तेजी से बदल रही डेमोग्राफी चिन्तनीय

उन्होंने देश में तेजी से बदल रही डेमोग्राफी पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि जनसंख्या असंतुलन के कारण 80 जिलों में से 200 में डेमोग्राफी चेंज हो गई है। 6000 तहसील में 1500 की डेमोग्राफी चेंज हो गई है जिसमें 300 तहसील शून्य की स्थिति में पहुंच गई हैं। इसमें सुधार की जरूरत है,  मुस्लिम, ईसाई के मन से कटुता का भाव दूर करना होगा। “मानव बन जाए जग सारा, यह पावन संकल्प हमारा” के उद्देश्य की पूर्ति हेतु हिन्दी साहित्य भारती ने मास को प्रभावित करने वाले प्रकोष्ठ बनाए हैं। इनके माध्यम से बुद्धिजीवियों की बुद्धि का उपयोग समाज को जागृत करने में किया जा रहा है।

कुछ सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, किंतु इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जो दायित्व उन्हें मिलेगा वह निभाएंगे। उन्होंने बताया हिन्दी साहित्य भारती जातियों की गणना को ग़लत मानती है, महाराष्ट्र में हिन्दी के विरोध की कड़ी आलोचना की और इस पर रोक लगाने के प्रयासों की जानकारी दी।

हिंदी साहित्य भारती ( अंतरराष्ट्रीय) के उद्देश्यों व प्रकोष्ठों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के प्रचार व प्रसार के लिए गुरुवार 31 जुलाई को हिंदी साहित्य भारती ( अंतरराष्ट्रीय) के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का मंडलीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसका विषय “राष्ट्र व सनातन धर्म की रक्षा का चिंतन” है। यह सम्मेलन होटल द मारवलस में 31 जुलाई को सायं 4 बजे से आयोजित किया जाएगा। इसके संयोजक प्रो बालबिहारी त्रिपाठी हैं। इस सम्मेलन में झांसी, ललितपुर तथा जालौन जिलों के सैकड़ों कर्मकांडी पंडित, मंदिरों के पुजारी एवं महंत तथा संत शामिल होंगे । कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित, मप्र सिंगरौली से प्रवचनकर्ता एवं प्रो. विजय लक्ष्मी शुक्ला, काशी के वरिष्ठ महंत सचिन्द्र नाथ मिश्र, संत राजेश्वरानंद, महामंडलेश्वर साध्वी ममता आदि अनेक विद्वान सम्मेलन में सहभागिता करेंगे। यह सम्मेलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक है।

पत्रकार वार्ता के दौरान कार्यक्रम संयोजक बुवि के संस्कृत शोध पीठ के निदेशक डॉ. बी बी त्रिपाठी, केंद्रीय संयुक्त महामंत्री निशांत शुक्ल, मुख्यालय प्रभारी एवं प्रदेश सोशल मीडिया संयोजिका रुचि निवेदिता, महानगर अध्यक्ष संजय राष्ट्रवादी, वरिष्ठ समाजसेवी विजय पहारिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रभारी दीपक त्रिपाठी मौजूद रहे।