शराब पीने से भारतीय संस्कृति पर पड़ रहा है बुरा असर

झांसी। कुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक संस्था रजि के मोहम्मद कलाम कुरैशी राष्ट्रीय सचिव द्वारा हर साल की तरह इस साल भी जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र भेज कर बताया शराब जिसे हर धर्म हर समाज में बुरा ही समझा जाता है और पवित्र धर्म इस्लाम में इसे पूरी तरह से हराम समझा जाता है और वह भी इसलिए कि नशे में रहते हुए आदमी अपनी मान मर्यादा अपने बड़ो की इज्ज़त को भूल जाता है और नशे में धुत रहते हुए अक्सर ऐसे कारनामे कर गुजरता है जो कतई बर्दाश्त के लायक नहीं होते है। पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने शराब को बुराई की माँ बताया है पवित्र कुरआन में भी शराब को हराम बुरा बताया गया है। इसलिए जश्ने ईदमिलादुन्नबी के दिन 5 व 6 सितंबर को पूरे देश में शराब बंदी केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाए। नशा उत्पन्न करने वाले उत्पादों तम्बाकू, चरस,अफीम,गाँजा, शराब ,स्मेक बल्कि सरकारी खजानो की भी सेहत पर इनका बुरा असर पड़ रहा है।

देश में शराब बंदी होने से स्वच्छ वातावरण पर भी बड़ा असर पड़ेगा व देश खुशहाली व विकास की ओर अग्रसर होगा। सरकारी आंकड़े खुद बया करते है कि कैसे केन्द्र व राज्य सरकारों के महकमे इन नशा उत्पाद से होने वाली बीमारियों और खतरों से निपटने के लिए अपनी ओर से करोड़ों अरबो रुपयो के प्रचार को स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों आदि में नशा मुक्त करने के लिए खर्च कर रही है। इसलिए समय समय पर जागरूक सगठनों व समाज के चिंतकों द्वारा इन उत्पादों को बंद करने के लिए सरकार से मांग की जाती रही है।कुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक संस्था रजि ने भी पूरी तरह से शराब बंदी की मांग की है।

इस दौरान हाजी अशफाक कुरैशी चौधरी रईस कुरैशी नबी बक्स बबलू आजाद शमशुद्दीन कुरैशी कम्मू जाहिद कुरैशी शरीफ खान मोहम्मद मुकीम कुरैशी समीर पहलवान कुरैशी अफसर कुरैशी आरिफ कुरैशी, शाहिद अली रसीद अंसारी नूर मोहम्मद कुरेशी सलीम कुरैशी खालीद कुरैशी नासिर कुरैशी बसीम गाज़ी आबिद रजा कुरैशी राशिद कुरैशी अशलम कुरैशी सलाम इकराम अनसर शनशाह जलानी मुन्ना साहिल जाबिद आदि लोग उपस्थित रहे।