किसानों को खेती किसानी की समस्याओं के समाधान हेतु शुरू होगा प्राइवेट हेल्पलाइन व डिजिटल चैनल
झांसी। एग्रीकल्चर एक्सप्रेस देश में कृषि एवं कृषक की उन्नति हेतु क्रांति लाने व कृषकों को खेत पर ही खेती किसानी से संबंधित आधुनिक पद्धतियों की जानकारी देकर आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने व लाभकारी सरकारी योजनाओं के प्रसार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के प्रयास में जुटा है ताकि किसानों की आत्महत्या की प्रवत्ति पर रोक लगाई जा सके।
एक होटल में मीडिया से रू-ब-रू हुए एग्रीकल्चर एक्सप्रेस के संरक्षक एवं संस्थापक डॉ विजय पहारिया, मां गोपाल गौशाला के संरक्षक चिराग सुंदर लाल गुप्ता, बुंदेलखंड होटल एंड रेस्टोरेंट असोसिएशन के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने विस्तार से संगठन द्वारा किसानों के हित में उठाए जा रहे क़दमों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि, आधुनिक भारत के निर्माण की रीढ़ बन चुकी कृषि से देश की कुल आबादी की लगभग 75 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। भारत के विदेशी व्यापार में भी कृषि वस्तुएं ही प्रमुख हैं। अपार प्राकृतिक संसाधन एवं असीमित श्रम साधन होते हुए भी भारतीय कृषक आत्महत्या के लिए मजबूर क्यों हैं, कृषि का औद्यौगिकरण होने एवं प्रदेश एवं केंद्र सरकार की सैकड़ों सरकारी योजनाएं के होने के बाद भी किसानों को आर्थिक संकट से जूझना ही पड़ता है। कृषि विद्यार्थी उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करके भी देश के हालात में परिवर्तन नहीं कर पा रहे हैं। विदेशी कंपनीयों के एकाधिकार से कीटनाशकों, खाद एवं बीज के मूल्य आसमान छू रहे हैं। क्या वजह है कि देश के बजट का बड़ा हिस्सा कृषि हित में होने के बाद भी एवं तकनीकी क्रांति के बावजूद फल सब्जियां अनाज दूध दिन प्रतिदिन बहुत महंगे होते जा रहे हैं?
उन्होंने बताया कि एसीकल्चर एक्सप्रेस एक माध्यम है किसानों, कृषि छात्रों, कृषि अधिकारी, शासकीय तंत्र एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच जो कृषि हित एवं राष्ट्रहित के लिए समर्पित हैं। एग्रीकल्चर एक्सप्रेस लाभकारी सरकारी योजनाओं के प्रसार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करेगा, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत, बायोडायवर्सिटी, वाटर कंजर्वेशन, सॉइल टेस्टिंग, जल, जंगल, जमीन आदि मुद्दों पर प्रमुखता से लोगों को जागरण करेगा, लैंड स्लाइडिंग, बाढ़ सूखा जैसे प्राकृतिक आपदा पर संगोष्ठी आयोजित होगी एवं आपदाओं के निराकरण के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगे, किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
उन्होंने बताया कि कृषि के विकास के बिना विकसित हिंदुस्तान का निर्माण मात्र एक स्वपन ही होगा। किसानों से सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने वाले नेताओं को मंच से उतरने के बाद सिर्फ अपनी कुर्सी ही दिखाई देती है। कृषि एवं कृषक की उन्नति हेतु हमें स्वयं ही क्रांति लानी होगी। बदलते दौर के मोबाइल युग में एग्रीकल्चर एक्सप्रेस का डिजिटल चैनल बहुत ही जल्दी शुरू होने जा रहा है। एग्रीकल्चर एक्सप्रेस विकसित भारत निर्माण हेतु वचनबद्ध है।
इस दौरान गौ गोपाल गौशाला के संरक्षक चिराग सुंदरलाल गुप्ता ने बताया कि किसान को आनलाइन खेती किसानी से संबंधित आधुनिक जानकारी देने के लिए प्राइवेट किसान हेल्पलाइन शुरू की जाएगी व कसरत किसानों की योजना के तहत बुंदेलखंड में लगभग एक हजार अखाड़े बनाये जायेंगे। बुंदेलखंड होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने पीपीपी मॉडल पर किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जाने की योजना पर चर्चा की और झांसी में बंद पड़े सूती (कताई) मिल में यूनिट खोले जाने का प्रस्ताव रखा।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष भानु सहाय ने संस्था की योजनाओं को किसान हितैषी निरूपित करते हुए किसान उत्पादन की सही दर पर बिक्री, खाद की उपलब्धता, आपदा प्रबंधन, मुआवजा आदि मुद्दों पर चर्चा की और किसानों के शोषण को बंद करने की वकालत की।