झांसी। न्यायालय में चल रहे मुकदमे में साक्ष्य में समय से उपस्थित नहीं होने और उपस्थित न होने का कारण स्पष्ट नहीं करने पर न्यायालय ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दरोगा द्वारा साक्ष्य में उपस्थित नहीं होने ओर बार बार सम्मन जारी होने पर उपस्थित न होने का कारण स्पष्ट नहीं करना न्यायालय की अवमानना है, उन्होंने एसएसपी को पत्र जारी कर दरोगा के वेतन से दो सौ रुपए काटने के निर्देश जारी किए है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी तेज सिंह गौर ने बताया कि वर्ष 2024 सरकार बनाम अजय उर्फ अज्जू का एक मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय कक्ष संख्या एक सुनील कुमार की अदालत में चल रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले कई महीनों से इसमें विवेचक गवाही होनी है, विवेचक उपनिरीक्षक भंवर सिंह वर्तमान में थाना टोडीफतेहपुर में तैनात है। उन्होंने बताया कि विवेचक की साक्ष्य गवाही समय पर नहीं होने से मुकदमे में बिलंब हो रहा है, लगातार न्यायालय द्वारा विवेचक को गवाही के लिए सम्मन जारी किए गए फोन पर जानकारी देकर बताया गया। इसके बावजूद भी लगातार विवेचक साक्ष्य में समय से न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे और उपस्थित न होने का कारण भी नहीं बता रहे है। जिसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया।
न्यायाधीश सुनील कुमार की अदालत ने उपनिरीक्षक भंवर सिंह की वेतन से दो सौ रुपए काटने का दंडनीय आदेश दिया है। उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर वेतन से दो सौ रुपए की कटौती करने का आदेश दिया साथ ही उनकी सर्विस पुस्तिका में भी इसे स्पष्ट करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने आदेश में बताया कि समय से बार बार बुलाने पर भी न्यायालय में गवाही के लिए उपस्थित नहीं होना भारतीय दंड संहिता 1860/ धारा 208 धारा 174 का दंडनीय अपराध है जिसमें एक माह का कारावास या पांच सौ रुपए अर्थदंड या दोनों भी हो सकते हैं।












