झांसी। रेल स्प्रिंग कारखाना, सिथौली सन 1989 में निर्मित देश का एकमात्र स्प्रिंग कारखाना है, जिसमे अत्याधुनिक तकनीक से रेलवे में उपयोगी सभी स्प्रिंगो का निर्माण होता है। सभी कर्मचारियों के अथक प्रयास एवं मुख्य कारखाना प्रबंधक शिवाजी कदम के मार्ग-दर्शन से रेल स्प्रिंग कारखाना निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहते हुए भारतीय रेल के लिए एक मिसाल कायम कर रहा है।

माह नवम्बर 2025 में वर्तमान वित्त वर्ष का सर्वाधिक 11564 स्प्रिंगों वितरण किया गया। वित्त वर्ष 2024 – 25 में रेल स्प्रिंग कारखाने में 45267 स्प्रिंगों का डिस्पेच हुआ था वही वर्ष 2025-26 के लिए कारखाने से 66007 स्प्रिंगों का वितरण किया गया है, जो पिछले वर्ष से 46% अधिक है।

कारखाने में कुल स्प्रिंगों का उत्पादन वर्ष 2024-25 के लिए 53188 था वही वर्ष 2025-26 के लिए (अप्रैल- नवम्बर) 77981 स्प्रिंगों का रहा, जोकि टारगेट से 7481 अधिक स्प्रिंगों के साथ 10% अधिक उत्पादन रहा। पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 46% अधिक उत्पादन किया गया।

कारखाने में वित्तीय वर्ष 2024 में के मध्य 63.53 करोड रुपयों के स्प्रिगों का का उत्पादन हुआ और वित्तीय वर्ष 2025 में 71.25 करोड़ रुपयों के स्प्रिंगोंका का उत्पादन हुआ जो कि भारतीय रेल के लिए गर्व का विषय है। इस कार्य हेतु मुख्यालय से एस के भारती PCME एवं रजनीश बंसल CWE का मार्गदर्शन रहा एवं रेल स्प्रिंग कारखाना- सिथौली से अनिल कुमार वर्मा उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, डी रहालकर सहायक कारखाना प्रबन्धक सिथौली, रमेश कुमार हनोते ACMT, करोडी लाल मीणा AWM तथा सभी कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।