झांसी। दो वर्ष पूर्व धोखाधड़ी, मारपीट प्राण घातक हमला करने के आरोप में दर्ज परिवाद में तलबी आदेश होने के बाद आरोपी बनाए गए केश भानसिंह पटेल और उनके पुत्र ने न्यायालय सत्र न्यायाधीश झांसी की अदालत में आज अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया। जिसका डीजीसी क्राइम द्वारा विरोध करने पर अदालत ने गंभीर अपराध मानते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उसका जमानती प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी क्राइम मृदुलकांत श्रीवास्तव ने बताया कि वादी राजेश पुत्र कैलाश नारायण ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद दर्ज कराते हुए बताया था कि केशभान पटेल ने उसे बताया था कि वह बीकेडी कॉलेज में अध्यक्ष है और उसकी वहीं चपरासी की नौकरी लगवा देगा जिसके एवज में केशभान ने उससे 20 दिसंबर 2021 को पांच लाख रुपए ले लिए।
पीड़ित ने बताया कि रुपए लेने के बाद उसे नियुक्ति पत्र दे दिया। उसने बताया कि वह नियुक्ति पत्र लेकर बीकेडी पहुंचा तो वहां जानकारी हुई कि नियुक्ति पत्र फर्जी है, इसके बाद पीड़ित ने अपने रुपए मांगे तो उसे धमकाते हुए भगा दिया। पीड़ित का आरोप है कि जब उसने पुलिस में शिकायत की तो उसे न्याय नहीं मिला बल्कि केश भान और उसके पुत्रों ने घर आकर उसे लोहे की रोड से मारपीट कर लहू लुहान कर मरणासन्न छोड़ कर भाग गए। पीड़ित की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोपी बनाए गए केश भान पटेल को धारा 307, 506, 420 में तलब कर लिया। इस पर केशभान पटेल ने आज जिला न्यायालय सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया। जिसकी सुनवाई के बाद आरोप गंभीर होने पर न्यायालय सत्र न्यायाधीश कमलेश कच्छल की अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर उसका जमानती प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।













