झांसी । अपर सत्र न्यायाधीश (एफ०टी०सी०सी०ए० डब्लू०) (बलात्कार संग पॉक्सो अधि० सम्बन्धी) अनुभव द्विवेदी के न्यायालय में अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त को 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 20 हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार वादी मुकदमा ने 22 मार्च 2022 को थाना-ककरवई में तहरीर देते हुए बताया था कि 21 मार्च को उसकी करीब नौ वर्षीय पुत्री घर से बाहर खेल रही थी। वह करीब 3 बजे दिन में बेटी को बुलाने गया तो पता चला कि बेटी को मुन्ना अहिरवार जंगल की तरफ लिवा गया है। वह तलाश करता हुआ जंगल में पहुंचा तो देखा कि मुन्ना उसकी पुत्री के साथ छेड़छाड़ कर रहा था । उसकी पुत्री रो रही थी वादी ने उसे ललकारा तो मुन्ना जंगल की तरफ भाग गया। वादी की तहरीर पर थाना ककरवई में धारा 354 (क) भा०दं०सं० व धारा-7/8 पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
विवेचना उपरांत आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त मुन्ना लाल उर्फ मुन्ना को धारा-376 (3) के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 20 हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा न किए जाने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा













