जल सहेलियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
झांसी। नगर क्षेत्र में पहुज और घुरारी नदी के आसपास भूमाफिया एवं रियल एस्टेट समूहों द्वारा किए जा रहे अवैध अतिक्रमण के कारण स्थिति अत्यंत गंभीर होती जा रही है। इन अतिक्रमणों से नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो रहा है, जल संचयन व भू-जल पुनर्भरण की क्षमता लगातार घट रही है, जिससे भविष्य में बाढ़, जलभराव एवं पर्यावरणीय संकट की संभावनाएँ बढ़ रही हैं।
गौरतलब है कि पहुज और घुरारी ये दोनों नदियाँ झांसी की जीवनरेखा मानी जाती हैं। विशेष रूप से पहुज नदी झाँसी के भूगर्भीय स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आज जिस प्रकार इन नदियों के अस्तित्व पर संकट बढ़ रहा है, उसे देखते हुए जल सहेलियों द्वारा यह ज्ञापन दिया गया। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए दो दर्जन जल सहेलियाँ कलेक्टर कार्यालय पहुँचीं और कलेक्टर मृदुल चौधरी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने अवैध कब्जों पर तत्काल रोक लगाने, भूमाफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने तथा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर सभी अतिक्रमण हटाए जाने की माँग की। जल सहेली फाउंडेशन की अध्यक्ष मेरा देवी ने बताया कि जल सहेलियाँ वर्षों से नदी और जल संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही हैं, लेकिन पहुज और घुरारी नदी क्षेत्र में तेजी से बढ़ते अवैध निर्माण उनके प्रयासों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को अब तुरंत ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
ज्ञापन प्राप्त करने के बाद जिला अधिकारी मृदुल चौधरी ने आश्वासन दिया कि एक टीम को तुरंत मौके पर भेज कर क्षेत्र का निरीक्षण कराया जाएगा और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जाएँगे। इसी दौरान जल सहेली रेखा ने भी प्रशासन से जल्द से जल्द निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की, ताकि नदी का प्राकृतिक स्वरूप सुरक्षित रह सके और शहर को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचाया जा सके।
आपको यह भी बता दें कि जल सहेलियाँ कई बार पहुज नदी के पुनर्जीवन के लिए पद यात्राएँ कर चुकी हैं और घुरारी नदी को बचाने के लिए भी उन्होंने लगातार प्रयास किए हैं। उनके इन अथक प्रयासों की सराहना स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की है।












