सीआरएस (पूर्वोत्तर परिक्षेत्र) का दो दिवसीय निरीक्षण संपन्न

झांसी। उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मंडल द्वारा यात्री सुविधाओं के उन्नयन और परिचालन सुगमता हेतु मूलभूत ढांचे के विस्तार के क्रम में दो दिवसीय दौरे पर आए रेल संरक्षा आयुक्त (पूर्वोत्तर परिक्षेत्र) प्रणजीव सक्सेना ने दूसरे दिवस के कार्यक्रम के अंतर्गत महत्वपूर्ण संरक्षा परीक्षण किया। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) हिमांशु गोस्वामी और मंडल रेल प्रबंधक अनिरुद्ध कुमार के साथ, श्री सक्सेना ने खुरहण्ड – डिंगवाही – बांदा रेलखंड पर नव-निर्मित दूसरी लाइन के कार्य का विस्तृत निरीक्षण किया।

निरीक्षण के क्रम में आज बांदा रेलवे स्टेशन पर संरक्षा सम्बंधित जाँच की गई। रेल संरक्षा आयुक्त ने पैनल, बैटरी कक्ष, ओएफसी (OFC) कक्ष और रिले रूम सहित दूसरी लाइन संस्थापन से संबंधित सभी नव-स्थापित उपकरणों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान ऑन-ड्यूटी स्टाफ से संवाद कर उनके तकनीकी ज्ञान और संरक्षा मानकों की समझ को परखा गया, साथ ही आयुक्त एवं उनकी टीम द्वारा संरक्षा प्रणाली पर विशेष ध्यान देते हुए सभी सुरक्षा एवं संरक्षा सामग्री से संबंधित आवश्यक दस्तावेजों की भी गहनता से जाँच की गई।

तत्पश्चात, प्रणजीव सक्सेना ने मंडल एवं निर्माण संगठन के अधिकारियों के साथ डिंगवाही से बांदा तक नव-निर्मित डाउन लाइन का मोटर ट्रॉली के माध्यम से सघन निरीक्षण किया। इस दौरान उक्त रेलखंड के अंतर्गत आने वाले ट्रैक्शन, सिग्नल, गेट, ब्रिज, ट्रैक, ट्रैक-पॉइंट्स, कर्व आदि सभी संस्थापनों और उनकी कार्य क्षमता का बारीकी से परीक्षण किया गया। खंड में पड़ने वाले प्रमुख (मेजर) एवं लघु (माइनर) पुलों का भी रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा गहन निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण उपरांत स्पीड ट्रायल गाड़ी से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया। नवनिर्मित ट्रैक पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से स्पीड ट्रायल सम्पन्न हुआ। इसके पश्चात  रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा डिंगवाही और खुरहण्ड स्टेशन का गहन निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के पश्चात् रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा अनुमति प्रदान के उपरांत इस खंड पर रेल संचालन शुरू होगा।

इस दोहरी लाइन के तैयार होने से झाँसी मंडल में ट्रेन संचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। दोहरी लाइन परिचालन से इस महत्वपूर्ण मार्ग पर ट्रेनों को बिना रुकावट सुचारु रूप से चलाया जा सकेगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा तथा मालगाड़ियों की समयबद्ध आवाजाही में सुधार होगा। इससे क्षेत्रीय उद्योगों को तेज और विश्वसनीय परिवहन सुविधा प्राप्त होगी, जबकि सुरक्षा, स्थिरता और परिचालन दक्षता में भी वृद्धि होगी। लाइन क्षमता बढ़ने से भविष्य में नई ट्रेनों के संचालन और समय-सारिणी के बेहतर पालन की संभावना भी सुदृढ़ होगी।

निरीक्षण के दौरान मंडल रेल प्रबंधक अनिरुद्ध कुमार, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) आशुतोष चौरसिया, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर नरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक जे. संजय कुमार, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/ईस्ट आयुष श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी गिरीश कंचन सहित निर्माण विभाग के अन्य अधिकारीगण, पर्यवेक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।