झांसी। दुग्ध महासंघ झांसी के तत्वावधान में दूधियों व दूध बिक्रेता दुकानदारों की बैठक को सम्बोधित करते हुए महासंघ के संयोजक किसान नेता गौरीशंकर बिदुआ ने बताया कि दूध के दाम २०१५ में बढ़ाये गये थे जबकि विगत ४ वर्षो में दुधारू पशुओं की कीमतें बढ़ी हैं वहीं उनको खिलाने वाला बिनौला, अलसी, चना, चोकर, भूसा आदि की दरें दो गुने से भी अधिक हो गयीं है। इन परिस्थितियों में दूध का कारोबार घारे का सौदा होता जा रहा है। अत: दूध के दाम बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
दुग्ध संघ के जिलाध्यक्ष सुंदर सिंह दाऊ ने बताया कि दूध के दाम बढ़ाना दूधियों की मजबूरी हो गयी है क्येांकि वर्तमान में दूध के मिलने वाले रेट में लागत भी नहीं निकल रही है। ११ अगस्त दूध ४८ रुपए प्रति लीटर (२०० ग्राम खोया) आम सहमति से तय हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका आम जनता पर भी आर्थिक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन सभी चीजें महंगी होने की वजह से दूध के दाम बढ़ाना मजबूरी बन गयी है। शहर अध्यक्ष सुनील भोजला ने बताया कि यदि सरकार बिनौला, चना, चोकर, जबा, भूसा आदि जानवरों के खाने का सामान सस्ता व चार साल पुराने रेटों पर कर दें तो हम लोग दूध के दाम नहीं बढ़ायेंगे। बैठक में गुलशन यादव, चालीराजा, अनिल पहलवान, लल्लू पहलवान, अनिल परिहार, अमोल्य सिंह, कृपाराम कुशवाहा, राजू यादव, विवेक यादव, कालीचरन राय, हरि सिंह, अनिल, गनेश, पप्पू नरेश ने सम्बोधित किया। दुग्ध विक्रेता राजा नन्ना, सररिया, रामू दूध वाले मुकुल सोनी तिवारी महाराज आदि शामिल हुये।