झांसी। भले ही सरकार द्वारा झोला छाप चिकित्सकों से इलाज नहीं कराने के लिए प्रचार पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इस तरह से फर्जी डाक्टर्स के खिलाफ कार्यवाही हेतु कानून हैं, किन्तु स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते अक्सर झोला छाप चिकित्सकों के इलाज से मौत का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक हादसा आज प्रकाश में आया जिसने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है।
जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र के गोपाल की बगिया बड़ागांव गेट बाहर निवासी 30 वर्षीय राहुल कुशवाहा को शरीर में तेज दर्द के साथ बुखार आ गया। वह बीमारी का इलाज कराने के लिए सत्यम कॉलोनी में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचा। आरोप है कि उपचार के दौरान झोलाछाप डॉक्टर ने राहुल को जो इंजेक्शन लगाया उससे रोग ठीक होना तो दूर पीडि़त का शरीर नीला पडऩे लगा और उसकी हालत बिगड़ गई। मरीज की हालत बिगड़ते देख झोलाछाप डॉक्टर के पसीने छूट गए और वह परिजनों से बिना जानकारी दिये उसे मेडिकल कॉलेज ले गया। जहां चिकित्सक ने जांच उपरान्त राहुल को मृत घोषित कर दिया। इस पर झोलाछाप डॉक्टर ने मृतक के परिजनों को फोन कर उसकी की सूचना दी और शव को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर भाग गया। कुछ देर बाद परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए और उन्होंने झोला छाप चिकित्सक पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर, झोला छाप चिकित्सक घर से फरार हो गया।