- आनन-फानन में बुलायी प्रेस कान्फे्रंस में एडीजी एलओ ने दी सफाई
लखनऊ (संवादसूत्र)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लखनऊ से कथित एनकाउण्टर में मृत पुष्पेन्द्र यादव के गांव के लिए रवाना होते ही लखनऊ के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गयी। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश पीवी रामाशास्त्री द्वारा आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय, गोमती नगर विस्तार के मीडिया ब्रीफिंग हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली और पुलिस प्रशासन की ओर से पक्ष रख कर यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुष्पेन्द्र यादव की मौत पुलिस मुठभेड़ में ही हुई है, फर्जी एनाकउण्टर नहीं है। घटना की जांच हो रही है साथ ही एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में एक दूसरी जांच कराई जा रही।
गौरतलब है की झांसी के एरच के गांव करगुवां खुर्द निवासी पुष्पेन्द्र की पिछले दिनों पुलिस मुठभेड के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। इस प्रकरण में उन्होंने बताया कि थाना मोंठ में पुलिस इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह ने पुष्पेन्द्र और उसके 2 साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। प्रदेश पुलिस ने झांसी की घटना में कानून का ध्यान रखा। पुष्पेंद्र के मामले में वर्तमान समय में एक जांच एडीएम द्वारा कराई जा रही है और उसका पर्यवेक्षण जोन स्तर पर किया जा रहा है। मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द करने का प्रयास किया, किन्तु परिवार ने डेड बॉडी लेने से इनकार कर दिया गया था। पुलिस के पास कोई विकल्प नही था, धार्मिक रीति रिवाज से मृतक का अंतिम संस्कार पुलिस ने स्थानीय लोगों के सामने ही किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौके का जायजा लिया गया है मामले की जांच में अभी तक किसी भी पुलिसकर्मी की कोई लापरवाही नही मिली हैै। उन्होंने बताया कि पुष्पेन्द्र के खिलाफ खनन के संबंध में कुल 3 मामले दर्ज हुए हैं। 29 तारीख को पुष्पेंद्र का ट्रैक पुलिस ने सीज किया था। पुलिस ने पुष्पेंद्र के भाई को अभियुक्त बनाया है जो कि सीआईएसएफ दिल्ली मेट्रो में तैनात है। इस प्रकरण में पुष्पेंद्र के भाई की क्या भूमिका है उसपर भी विवेचना चल रही है। वहीं परिजनों के द्वारा पुलिस पर लगाये गए आरोपों के बाबत उन्होने कहा की जांच में जो कुछ भी निकल कर सामने आयेगा।उस आधार पर कारवाई की जायेगी।