झांसी। एआईबीईए व बेफी के केन्द्रीय आह्वान पर अखिल भारतीय हड़ताल के तारतम्य में इलाहाबाद बैंक चौराहे झांसी पर यूपीबीईयू झांसी इकाई के अध्यक्ष डीके चौहान की अध्यक्षता में आयोजित सभा में विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने भाग लिया। सभा को सम्बोधित करते हुए अनुराग पाठक ने बताया कि जिस तरह भारत सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बेंक व विजया बैंक का विलय किया था उसी प्रकार अब १० बैंकों के विलय की घोषणा कर दी है। भारत सरकार ने जो बैंक कर्मचारी विरोधी रवैया अपना रखा है उससे बहुत जल्दी ही बैंकों का निजीकरण भी किया जा सकता है। यदि विरोध नहीं किया तो सरकार के हौसले बुलंद हो जायेेंगे, इसलिये एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। सुशील साहू ने कहा कि अपने भविष्य को बचाने के लिए एकजुट होकर भारत सरकार की नीतियों का विरोध करना होगा। मानवेन्द्र सिंह सोनी ने कहा कि बैंक प्रबन्धन और भारत सरकार की सांठ-गांठ से जो १० बैंकों के विलय की घोषणा की गयी है एवं जो ११वां द्विपक्षीय वेतन समझौता करने में दो साल से हीला-हवाली और मजदूरों का जो शोषण किया जा रहा है। सभा में जयपाल सिंह, निक्की श्रीवास, वशिष्ठ उपाध्याय, अमित पांचाल, लाल सभानी, राहुल साहू, सिद्घार्थ गौतम, वेदांत व्यास, रामअवतार, शैलेन्द्र यादव, अनिल भटनागर, हरिशंकर यादव, अंतरा घोष आदि मौजूद रहे।