• कार में विवेक हत्या काण्ड का खुलासा, पत्नी सहित चार आरोपी हत्थे चढ़े
    झांसी। थाना प्रेमनगर क्षेत्र अंतर्गत नयागांव नहर में मिली कार में युवक की लाश प्रकरण का प्रेमनगर पुलिस ने बड़ी सूझबूझ के साथ खुलासा कर मृतक की पत्नी सहित चार आरोपियों को दबोच कर हत्या में प्रयुक्त पत्थर व दुपटटा बरामद कर लिया। शराब व औरतों से मौज मस्ती में सम्पत्ति को उड़ाने से बचाने के लिए मृतक की पत्नी ने ही पांच लाख रुपए की सुपारी देकर हत्या करा दी थी। हत्यारों ने हत्या को दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की, किन्तु सफलता नहीं मिल सकी। एसएसपी ने पहेली बने इस कत्ल का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।
    दरअसल, २१ अक्टूबर की सुबह थाना प्रेमनगर क्षेत्र अंतर्गत नयागांव में नहर में एक रेनॉल्ट क्विड कार नम्बर यूपी ९३ बीएफ-१८६५ पड़ी देखी गयी थी। कार में एक युवक का शव पड़ा मिला था। मृतक की शिनाख्त विवेक उपाध्याय निवासी महाराणा प्रताप नगर खालसा स्कूल के सामने सीपरी बाजार के रूप में हुई। पोस्टमार्टम में पता चला कि युवक की हत्या सर में पत्थर मारने व गला घोंटने से हुई है। इस मामले में प्रेमनगर थाने मेें हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह के निर्देशन व पुलिस अधीक्षक नगर श्री प्रकाश द्विवेदी एवं क्षेत्राधिकारी सदर केवी अशोक सहायक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक आशीष मिश्रा द्वारा पहेली बने विवेक हत्या काण्ड की गत्थियां सुलझाना शुरू कर दीं। जांच में कुछ ऐसे तथ्य प्रकाश मेें आए जिनसे विवेक की मौत कार दुर्घटना में नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत की गयी हत्या उजागर हुई। इस आधार पर जब मृतक की पत्नी सोनिया से पूछताछ की गयी तो उसके बयानों व हावभाव से हत्या की सुई उस पर जाकर अटक गयी। जब गहराई से जांच की गयी तो विवेक हत्याकाण्ड की पर्तें खुलना शुरू हो गयीं।
    एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रभारी निरीक्षक आशीष मिश्रा के नेतृत्व मेें उप निरीक्षक विपिन द्विवेदी, गुलाम फरीद, कांस्टेबिल शैलेन्द्र कुमार शुक्ला, राहुल दुबे, मोहित व महिला कांस्टेबिल पूनम अनुरागी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर प्रेमनगर में पश्चिम रेलवे कालोनी में बने टिकिट घर के सामने से उस समय मृतक की पत्नी सोनिया व उसकी सहेली हरवेन्द्री राजपूत उर्फ प्रीति एवं सहयोगी आनंद कुमार राजपूत, सुखनन्दन राजपूत निवासी खजराहा बबीना को दबोच लिया जब वह कहीं भागने की फिराक में थे। पकड़े गए आरोपियों से जब पुलिस टीम ने गहराई से पूछताछ की तो विवेक हत्याकाण्ड का पर्दाफाश हो गया। एसएसपी ने बताया कि मृतक विवेक शराब व शबाब का शौकीन था। नशा व अययाशी में वह अपनी अचल सम्पत्ति को बेदर्दी से उड़ा रहा था। मना करने के बावजूद भी विवेक की हरकतों में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इससे पूनम परेशान थी क्योंकि उसे लगने लगा था कि यदि इसी बेदर्दी से विवेक सम्पत्ति अययाशी में उड़ाता रहा तो उसके लिए कुछ नहीं बचेगा। जब उसे अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा तो उसने ऐसा कठोर निर्णय लिया जिसने उसे काल कोठरी मेंं पहुंचा दिया।
    एसएसपी ने बताया कि पूनम ने अपने पति विवेक को ही रास्ते से हटाने का षडय़ंत्र तैयार किया। इसमें उसने अपनी सहेली हरवेन्द्री राजपूत व उसके सहयोगी आनंद कुमार राजपूत, सुखनन्दन राजपूत निवासी खजराहा बबीना को पति की हत्या के लिए तीनों को पांच लाख रुपए की सुपारी दे दी। योजना के तहत २० अक्टूबर की सायं ७ बजे सोनिया ने विवेक से सहेली हरवेन्द्री उर्फ प्रीति को उसकी बहन के घर छोडऩे के बहाने उसके साथ भेज दिया। प्रीति को विवेक अपनी कार में लेकर घर से निकला और नया गांव में नहर के पास पहुंचा तभी वहां पहले से मोटरसाइकिल से मौजूद आनन्द राजपूत व सुखनन्दन राजपूत ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान कार में बैठे विवेक के सर में पत्थर से चोट पहुंचायी और फिर उसके गले मेें दुपटटा का फंदा कस कर खींच दिया। इससे विवेक की कार में बैठे ही बैठे मौत हो गयी। हत्या को छिपाने व इसे दुर्घटना का रूप देने के लिए आरोपियों ने कार को नहर में धकेल दिया और रफूचक्कर हो गए। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर व दुपटटा बरामद कर लिया। एसएसपी ने हत्याकाण्ड का अनावरण कर आरोपियों को दबोचने पर पुलिस टीम की सराहना करते हुए दस हजार रुपए पुरुस्कार की घोषणा की।