झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में हम्बर्ग विश्वविद्यालय के 10 विद्यार्थियों ने जहां हिन्दी भाषा को सीखा वहीं भारत सहित बुन्देलखण्ड के रहन सहन, संस्कृति से रू-ब-रू होकर अपने देश की भाषा, संस्कृति से अवगत कराया। विदेशी विद्यार्थियों ने पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी ली और अपने देश के बारे में बताया। इस दौरान हिंदी लेखन-पाठन, भारतीय परिवेश, लोग, समाज और संस्कृति, भारतीय चिकित्सा पद्धति, भारत में आजीविका और कृषि आधारित रोजगार, भारतीय वेशभूषा और परिधान पर आधारित कार्यशाला में 14 दिन तक प्रशिक्षण दिया गया।
विश्वविद्यालय में चले 14 दिनों के भाषा व संस्कृति के आदान-प्रदान के इस कार्यक्रम के अंतिम दिन विद्यार्थियों के दल को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ मुन्ना तिवारी और डॉक्टर मोहम्मद नईम के निर्देशन में महज 14 दिनों में विदेशी विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा को बेहतर तरीके से लिखना, पढऩा और बोलना सीख लिया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी रूसी संस्कृति और भाषा सीखने का अवसर मिला है। विदेशी विद्यार्थियों ने ओरछा और आसपास के इलाकों का भ्रमण किया। उन्होंने अपने अनुभव मंच से व्यक्त किए। छात्राओं ने बताया कि उन्होंने यहां का खानपान और आयुर्वेद से जुड़ी कई बातों को जाना है। इस दौरान अरीना जरीना, अलीशा, अरतुर मखलूक, अलीसे बोगदानोवो, अन्ना गिलादकौवा, क्रिस्टीना कुमार, ओल्गा सोलोबेबा समेत 10 विद्यार्थी मौजूद रहे। गौरतलब है कि सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग संगठन और हमबर्ग विश्वविद्यालय से एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है, जिसके अंतर्गत यह दौरा निर्धारित किया गया था।