झांसी। विश्व हिन्दू परिषद झांसी के विभाग प्रमुख/महामंत्री अंचल अडज़रिया ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा ३२३, ५०४, एससी, एसटी एक्ट (१)(द)(घ) के अंतर्गत २०१८ में लिखाया गया था जिसमें विवेचना अधिकारी द्वारा अंतिम आख्या लगा दी थी परन्तु उन्हीं तथाकथित लोगों द्वारा फर्जी शपथ पत्र देकर अंचल अडज़रिया आदि के विरूद्घ क्राइम केस नं. ५०७ के द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करा दिये गये थे। उच्च न्यायालय ने उक्त तलवी आदेशों को १४ फरवरी २०२० के आदेश में निरस्त एवं खारिज कर दिया गया है एवं विनोद अवस्थी व अन्य के द्वारा लगाये गये शपथ पत्र को भी अवैध मानते हुये निरस्त कर दिया है। इन तत्वों के द्वारा मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास लगातार पिछले तीन वर्षों से किया जा रहा है क्योंकि वह समाज में इनके इनके द्वारा किये जाने वाले अनैतिक, अवैध व गलत कार्यों का विरोध करते रहे हैं।
शिव बारात निकलने के पहले कुछ लोगों के द्वारा इस तरह का कृत्य हिन्दू समाज के कार्योंमें बाधा डालने व शिव बारात न निकल पाये इसे उद्देश्य से किया गया था परन्तु उच्च न्यायालय ने आदेश निरस्त कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अडज़रिया ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि ऐसे लोगों को सदबुद्घि दें जो सनातन संस्कृति व हिन्दू रीति रिवाजों के विरूद्घ इस तरह के षडयंत्र करते हैं क्यों कि ऐसा करने वाले लोग कहीं न कहीं अपनी संस्कृति के विरोधी हैं। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत होगी तो ऐसे लोगों को हमारे कार्यकर्ता माकूल जबाव देंगे।