झांसी। उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने रेलवे कारखाना प्रशासन पर कर्मचारियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया है। संघ की बैठक में बताया गया कि कारखाना प्रशासन के द्वारा फण्ड की कमी का बहाना बताते हुये कर्मचारी हित निधि के अंतर्गत कारखाना में मौजूद आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉक्टर्स को अंशकालिक (४ घण्टे) काम करने का आदेश जारी कर दिया है जब कि मुख्यालय के पत्र के अनुसार कारखाना में मौजूद दोनों डिस्पेंसरी को एसबीएफ एवं मुख्यालय के सहयोग से १०५६०० रुपए में चलाया जाता है लेकिन कारखाना प्रशासन के द्वारा मुख्यालय से फण्ड की मांग समय पर नहीं की जाती है। वर्ष २०१८-१९ के लिये अगस्त २०१९ में फण्ड की मांग की गयी और वर्ष २०१९-२० में अभी तक फण्ड की मांग सम्बन्धी कोई कार्यवाही नहीं की गयी है जब कि अन्य डिवीजन आगरा में २०१९-२० का फण्ड जारी कर दिया गया है इन सभी कारनामों से प्रतीत होता है कि कारखाना प्रशासन की लापरवाही एवं लेटलतीफी के कारण कर्मचारियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा स्वयं आयुर्वेद को बढ़ाने के लिये आयुष मंत्रालय बनाकर गंभीरता दिखायी। उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने शीघ्र डिस्पेंसरी मे कार्यरत डाक्टर्स को पूर्णकालिक करने और मुख्यालय से फण्ड की मांग को समय से कार्यवाही शुरू करने की मांग की। इस दौरान कार्य. अध्यक्ष अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव, मण्डल सचिव सीके चतुर्वेदी, कपिल मिश्रा, संजीव वर्मा, मोहित रायकवार, कपीस सिंह, नीरज शिवहरे, रोहित कुमार, प्रहलाद मीना, आशीष पाण्डेय, प्रमोद कुमार, आशीष परिहार, नीरज प्रजापति आदि उपस्थित रहे।