झांसी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्ट्राइड (स्कीम फॉर ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडिआस डेवलपिंग इकॉनमी) कॉम्पोनेन्ट एक के अंतर्गत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त परियोजना के द्वितीय बैच के तीन मॉड्यूल पूर्ण हो चुके हैं, जिसमें बायोकेमिस्ट्री, लाइफ साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मेसी फ़ूड टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पर्यावरण विज्ञान, मैनेजमेंट & इकोनॉमिक्स आदि विषयों के 32 प्रतिभागी पिछले 8 महीनों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में मॉड्यूल एक के अंतर्गत प्रतिभागियों को डाटा कलेक्शन, वैज्ञानिक प्रक्रिया, हाइपोथिसिस लेखन, पेपर/थीसिस लेखन, लैब सेफ्टी मेज़र्स सहित रिसर्च मेथोडोलॉजी पर 33 विशेषज्ञों द्वारा कुल 84 व्याख्यान दिए गए, तदुपरांत मॉड्यूल-2 के अंतर्गत इनोवेशन सेंटर में मौजूद विभिन्न उपकरणों पर 13 विशेषज्ञों द्वारा कुल 4२ व्याख्यान तथा 11 दिन की हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी गयी, कार्यक्रम के मॉड्यूल-3 में समस्त प्रतिभागियों को सामाजिक सरोकार से जुडी 4-6 महीनों की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य कराया गया, जिसके लिए प्रति शोधार्थी रुपये 10 हज़ार तक की आर्थिक मदद प्रदान की गयी I अब प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे चरण में 23-24 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय कांफ्रेंस कराया जाना प्रस्तावित है जिसमे देश के विभिन्न शोधार्थियों के साथ स्ट्राइड के प्रतिभियों द्वारा अपने-अपने शोध को प्रस्तुत किया जायेगा. उक्त के अतिरिक्त सितम्बर माह में टीचिंग, एग्जामिनेशन और रिसर्च एथिक्स पर कराये गए सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत देश के विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया. ध्यातव्य है कि उक्त परियोजना में अब तक 80 से अधिक परास्नातक/शोध विद्यार्थियों, 100 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षित किया जा चुका है.
समूचे भारत से कुल सोलह विश्वविद्यालयों, उत्तर भारत में सिर्फ दो एवं उत्तर प्रदेश से अकेले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त इस परियोजना में सामाजिक समस्याओं का वैज्ञानिक तरीकों से समाधान खोजने के लिए शोधकर्ता तैयार किये जा रहे हैं I द्वितीय बैच में जैव, रसायन, भौतिक, कृषि, फॉरेंसिक, जैव प्रौद्यिगिकी, फ़ूड साइंस टेक्नोलॉजी और सामाजिक विज्ञान सहित कुल 32 विद्यार्थियों को अवसर दिया गया है, जिनमे से कई प्रतिभागी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बाहर जैसे कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, ओस्मानिआ विश्वविद्यालय, हैदराबाद से भी इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे हैं I इनोवेशन सेंटर की ओर से मानव संसाधन एवं कौशल विकास के उद्देश्य से चलाये जा रहे इस परियोजना में 3 वर्षों में लगभग 200 शिक्षकों, विद्यार्थियों, तथा अन्य शोधार्थियों को चार चरणों में प्रशिक्षण के माध्यम से उत्तम शोध कार्य हेतु सक्षम बनाया जायेगाI