झांसी। कोविड-19 से को हराने और उससे पार पाने के लिए भारतीय रेल पूरी ताकत से जुटा हुआ है। इसके लिए  रेलवे ने अपनी क्षमता और संसाधन के साथ निरंतर प्रयासरत हैं । वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए झाँसी रेल मंडल की ओर से भी युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।  इसी क्रम में आज दिनाँक 07.04.20( मंगलवार) को मंडल रेल प्रबंधक श्री संदीप माथुर द्वारा रेलवे अस्पताल का दौरा कर वहाँ कोविड-19 के दृष्टिगत की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया एवं उनमें सुधार हेतु आवश्यक निर्देश भी दिए । झाँसी मंडल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कई कारगर उपाय कर रहा है, कोविड-19 के मरीजो के लिए रेलवे चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जिसमें आमने- सामने की पूछताछ प्रणाली के साथ वाई- फाई की सुविधा से सुसज्जित किया है।  रेलवे अस्पताल में चिकित्सक, नर्सों व  पैरामेडिकल स्टाफ  को  प्रोटेक्टिव गियर्स के साथ काम करने लिए प्रशिक्षित किया गया है।   कोविड-19 के मरीजो का रजिस्ट्रेशन,डॉक्टर्स का केबिन,स्टाफ के लिए पीपीई किट चेंजिंग रूम इत्यादि की व्यवस्था आइसोलेशन वार्ड के पास ही किये जाने के निर्देश दिये जिससे अस्पताल के अन्य कार्यो को प्रभावित किये बिना कोरोना से संबंधित कार्य प्राथमिकता के साथ सम्पन्न किये जा सकेंगे ।

इसके पश्चात श्री माथुर द्वारा मंडल में तैयार किये जा रहे कोच आइसोलेशन वार्ड का भी निरीक्षण किया । श्री माथुर ने बताया कि रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे द्वारा कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जा रहा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें सरकार के आदेशानुसार उन दूरस्थ स्थान तक ले जाया जा सके जहाँ बेहतर मेडिकल सुविधाओ का अभाव है ।
प्रत्येक कोच में 8 आइसोलेशन वार्ड तैयार किये गए है जिसमे प्रत्येक वार्ड में आपातकालीन स्थिति में एक व्यक्ति को रखा जा सकेगा ।बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्‍दील करने के लिए शयनयान एवं सामान्य श्रेणी के कोच को परिवर्तित किया जा रहा है। इनमें आवश्यक बदलाव किये गए है। टॉयलेट को बाथरूम में परिवर्तित कर हैंड शॉवर, नल, बाल्टी, बाथ स्टूल की व्यवस्था की गई है । मच्छरों से बचाव के लिये कोच की सभी विंडोज पर प्लास्टिक की जाली लगाई गई है। आइसोलेशन कोच में डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ को बैठने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा कोच में एयर प्लास्टिक के पर्दे लगाए गए हैं । रेलवे बोर्ड द्वारा उत्तर मध्य रेलवे को 130 कोच को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करने का लक्ष्य दिया गया है।जिसमें झाँसी में 20 कोच मंडल द्वारा एवं 50 कोच एमएलआर वर्कशॉप द्वारा आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित जा रहे है।