रेल कर्मचारी संगठनों का निजीकरण का विरोध काम नहीं आया
नई दिल्लीः रेल कर्मचारी संगठनों के निजीकरण के विरोध को दरकिनार करते हुए रेलवे जल्द ही तेजस एक्सप्रेस की तर्ज पर 151 निजी ट्रेनों को चलाने जा रहा है जिसके लिए कवायद को शुरू कर दी गई है। अब रेलवे ने 109 रूट पर चलने वाली इन ट्रेनों के लिए निजी कंपनियों से टेंडर मंगाए हैं. फिलहाल देश में आईआरसीटीसी दो निजी तेजस ट्रेनों का संचालन कर रहा है.
लोगों को मिलेगा रोजगार
रेल मंत्रालय के मुताबिक निजी ट्रेन चलाने से जहां कई लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं यात्रियों को आने-जाने में कम समय लगेगा. इतना ही नहीं यात्रियों को बढ़िया सुरक्षा और विश्व स्तरीय सुविधाएं भी मिलेंगी. ये पहली बार है जब रेलवे ने निजी कंपनियों से भी ट्रेन चलाने के लिए बोली मंगाई हैं. ये ट्रेनें रेलवे के 12 जोन में चलाई जाएंगी. 
ये हैं शर्तें
ट्रेन का रेक (ऐसी गाड़ी जिसमें 12-26 डिब्‍बे होते हैं) मेक इन इंडिया होना चाहिए.
रेक को लाने और उसका परिचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी निजी ऑपरेटर्स की होगी.
ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा होगी. इससे यात्रा के समय में कटौती होगी.
35 सालों के रेलवे निजी कंपनियों को छूट देगा.
ट्रेन में ड्राइवर और गार्ड भारतीय रेलवे के होंगे.
कंपनियों को फिक्‍स्‍ड हॉलेज चार्ज, बिजली का बिल और आय में रेलवे के साथ भागीदारी करनी होगी.