झांसी। रेलवे में नौकरियों की आस संजोए लाखों युवाओं के भविष्य पर ताला लग गया है, उन्हें नौकरी के लिए कोई और रास्ता तलाश करना होगा। रेलवे ने फिलहाल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बंद कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड ने अग्रिम आदेशों तक नॉन सेफ्टी कैटेगरी (जो कर्मी रेल संचालन से जुड़े नहीं होते हैं) की नौकरियों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही पिछले दो साल में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के कारण जो पद खाली हुए हैं उनमें 50 प्रतिशत समाप्त करने की रणनीति बनाई है।

इस संबंध में ज्वाइंट डायरेक्टर अजय झा ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को आदेश जारी कर पदों की समीक्षा करने के लिए कहा है। दरसल, कोरोना महामारी के कारण हो रहे घाटे की भरपाई के लिए रेलवे ने कई अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। डेढ़ साल तक के लिए महंगाई भत्ता बंद करने के बाद अब कर्मचारियों के अन्य एलाउंस की समीक्षा शुरू कर दी गई है। इसमें रनिंग कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्तों (किलोमीटर माइलेज, ओवर टाइम, एएमए, एडीएल, नाइट ड्यूटी एलाउंस) को नियंत्रित करने के लिए समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा नॉन सेफ्टी कैटेगरी में अग्रिम आदेशों तक नई भर्ती पर रोक लगा दी गई है। आंकड़ों पर गौर करें तो रेलवे हर साल करीब 20 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति हर साल नॉन सेफ्टी कैटेगरी में करता था। इसी तरह कर्मचारियों के खाली पदों में 50 फीसदी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। ये पद वाणिज्य विभाग में बुकिंग, आरक्षण, टिकट चेकिंग, बाबू के अलावा इंजीनियरिंग, कार्मिक, इलेक्ट्रिक, यांत्रिक, लेखा आदि विभागों में समाप्त किए जाएंगे।